काम करते मजदूर की मौत

डभरा विकासखण्ड के ग्राम नवापारा में 9 लाख की लागत से स्वीकृत तालाब गहरीकरण कार्य की शुरूआत आज की ही गई थी.......;

Update: 2017-06-04 13:14 GMT

मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण के दौरान हादसा
डभरा/जांजगीर। डभरा विकासखण्ड के ग्राम नवापारा में 9 लाख की लागत से स्वीकृत तालाब गहरीकरण कार्य की शुरूआत आज की ही गई थी कि एक मजदूर के अचानक बहोश होकर गिरने व आनन-फानन में अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर द्वारा मृत घोषित किये जाने के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। सीईओ के निर्देश पर मृतक के परिवार को सात्वंना देने सरपंच, रोजगार सहायक नवापारा पहुंचे थे, उन्होंने परिवार के सदस्यों को सरकारी नियमानुसार हर संभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं मृतक के शव का पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार कराया गया है। 

जनपद पंचायत डभरा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत नावापारा ड, में मनरेगा के तहत नया तालाब गहरीकरण का कार्य प्रथम दिवस के दिन 2 जून को सुबह 7 बजे जॉबकार्ड धारी मजदूर नया तालाब  पहुंचे थे। इसी बीच अचानक एक मजदूर उमाशंकर सिदार पिता आनंदराम सिदार उम्र 50 तालाब में मजदूरी कार्य करते हुए अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। जिसे वहां उपस्थित रोजगार सहायक एवं ग्रामीणों द्वारा तत्काल मोटर साइकिल से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डभरा लाया गया। डाक्टरों द्वारा जांच करने के बाद मृत घोषित कर दिया गया,मृतक उमाशंकर सिदार तालाब गहरीकरण कार्य में मजदूरी करने परिवार के साथ आया था। जिसे मजदूरी में लगे महज 10 मिनट ही हुआ था कि अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी  स्थिति को देखते हुए रोजगार सहायक द्वारा ग्रामीणों की मदद से तत्काल नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डभरा इलाज के लिए लाया गया, परन्तु डाक्टरों द्वारा मृत घोषित किया गया। नावापारा से डभरा अस्पताल की दूरी मात्र 3 किलोमीटर है। उमाशंकर सिदार की हालत को देखते हुए अस्पताल पहुंचाया फिर भी उसे नहीं बचाया जा सका डभरा पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम कराया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली वजह का पता चल पाएगा। स्थानीय लोगों की माने तो घर से निकलते वक्त उसने स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह की शिकायत नहीं की थी। ऐसे में अचानक हुई  मौत को लेकर कयासों का दौर जारी है। फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौप दिया गया है। 

मृतक उमाशंकर सिदार के परिवार में एक लड़का एवं एक लड़की है,और बूढ़े माता पिता है। परिवार चलाने की जिम्मेदारी मृतक के कंधे पर था जिसके चले जाने से परिवार को संभाल पाना आसान नहीं है। यही सोच के साथ परिवार सदमें में है। 
 

नियमानुसार सहायता दी जाएगी-सीईओ
इस संबंध में सीईओ नितेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि मनरेगा अधिनियम के तहत कार्य स्थल में मजदूर की मौत होती है तो उसे शासन के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सहायता राशि परिवार को देने का प्रावधान है। नियमानुसार सहायता राशि प्रदान की जावेगी।

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