बिना निविदा सहकारी समिति ने बना दी 35 लाख की चारदीवारी
सारंगढ़ अंचल में धान खरीदी करने वाली सेवा सहकारी समितियो के द्वारा कमीशन के नाम पर आये अनुदान की राशी पर मनमानी कार्य कराया गया है;
सालर उपकेन्द्र का है मामला
रायगढ़ । सारंगढ़ अंचल में धान खरीदी करने वाली सेवा सहकारी समितियो के द्वारा कमीशन के नाम पर आये अनुदान की राशी पर मनमानी कार्य कराया गया है। सहकारी संस्थाओ के द्वारा कमीशन की राशी पर कमीशन मारने के चक्कर में नियम-कानून और कायदे सब को किनारे कर दिया गया।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सेवा सहकारी समिति दानसरा के द्वारा लगभग 35 लाख रूपये की लागत से निर्मित कराया गया चार दिवारी निमार्ण है। सरकारी भूमि पर बिना टेंडर और बिना दर आमंत्रण के कराया गया चार दिवारी निमार्ण में गुणवत्ताविहीन कार्य किया गया है तथा खास बात यह है कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने हेतु लगाया गया आवेदन के जवाब में जानकारी नही दे पाने का जवाब जनसूचना अधिकारी के द्वारा दिया गया है। जिससे साफ प्रतीत हो रहा है कि पूरा मामला फर्जीवाड़ा और कमीशनखोरी से जुड़ा हुआ है।
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के सभी 12 प्राथमिक सहकारी सेवा समितियो के द्वारा दो तीन वर्षो के दौरान धान की खरीदी आदि की कार्यवाही संपन्न किया गया है जिसकी कमीशन की भारी भरकम राशी विगत वर्ष सेवा समितियो को प्राप्त हुआ।
किन्तु इन राशियो का उपयोग इन समितियो के संचालको के द्वारा मनमानी तौर पर किया गया है। कही पर धान खरीदी केन्द्र में चारदिवारी बना दिया गया है तो कही पर कई प्रकार के सामान खरीदी बता दिया गया है। कई समितियो में तो कागजो पर ही संपूर्ण खरीदी दर्शा दिया गया है।
इस मामले में जब प्राथमिक सेवा सहकारी समिति दानसरा के द्वारा दो वर्षो से किया गया धान खरीदी के एवज में प्राप्त कमीशन की राशी 35 लाख रूपये का किया गया खर्च की जानकारी मांगी गई तो सूचना के अधिकार के तहत चौकाने वाली जानकारी प्राप्त हुई जिसमें दानसरा सेवा सहकारी समिति के जनसूचना अधिकारी ने साफ तौर पर जानकारी देने से इंकार कर दिया।
वही पूरे मामले में सूक्ष्म तहकीकात करने पर जो बाते छनकर सामने आई उसमें साफ हुआ कि सालर गांव में वन विभाग की आरेंजी बेल्ट की सरकारी भूमि पर बिना अनुमति के चार दिवारी बनाकर प्राथमिक सेवा सहकारी समिति दानसरा के द्वारा 35 लाख रूपये का खर्च और भुगतान दर्शा दिया गया है।
जबकि जिस जमीन पर उक्त चारदिवारी बनाया गया है वह जमीन भी प्राथमिक सेवा सहकारी समिति दानसरा की नही है। ऐसे मे किस आदेश से तथा किसके अनुमति से प्राथमिक सेवा सहकारी समिति दानसरा के द्वारा चार दिवारी का निमार्ण कराया गया है? यह प्रश्न पहले नंबर पर विराजमान है। वही सबसे बड़ी लापरवाही 35 लाख रूपये जैसे भारी भरकम राशी से बनाया गया चारदिवारी के लिये ना तो कोई निविदा आमंत्रित किया गया और ना ही कोई भावपत्र मंगाया गया?
जिससे साफ प्रतीत हो रहा है कि उक्त कमीशन की राशी में कमीशन का खेल खेलने के लिये चारदिवारी का निमार्ण के नाम पर बंटवारा किया गया है। इस संबंध मे जब प्राथमिक सेवा सहकारी समिति दानसरा में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत कर उक्त राशी और उक्त निमार्ण के संबंध में जानकारी मांगी गई तो दिया गया जवाब में उल्लेख किया गया है कि उक्त संबंध में जानकारी नही दिया जा सकता? यानि पूरा मामला अपने आप में ही संदिग्ध हो गया है।
सारंगढ़ के प्राथमिक सेवा सहकारी समिति में हो रहा है बड़ा खेल?
दानसरा के साथ कनकबीरा, भेड़वन, अमझर, गुड़ेली, छिंद, नौरंगपुर, केड़ार, उलखर, गाताडीह, सहसपुर, कोतरी प्राथमिक सेवा सहकारी समिति में कमीशन की राशी को कागजो पर खर्च दिखाकर बड़ा खेल खेला गया है। उपपंजीयक सहकारी संस्थाओ के संरक्षण में उक्त समितियो के द्वारा कमीशन के नाम पर मिले लाखो रूपये की राशी को कागजो पर खर्च दर्शा दिया गया है अथवा भारी भरकम दर पर निमार्ण कार्य दर्शाकर राशी का डकार दिया गया है। इस संबंध में उपपंजीयक रायगढ़ से पूरे मामले में दिया गया कमीशन और किया गया खर्च की जानकारी भी मांगी गई है ताकि इस बड़ा घोटाला जांच और दोषियो पर कार्यवाही हो सकें।