पूर्वांचल के जंगलों में वन्य प्राणियों का अवैध शिकार

 रायगढ़ पूर्वी अंचल के जंगल जामगांव सर्किल एवम रेंगाल पाली सर्किल के अंतर्गत आने वाले प्राय: सभी बीट कुकुरदा विश्वनाथ पाली जामगांव  सपनाई अंचल के जंगलों में आये दिन हाथी अपने शिकार में सफल होते रहे हैं;

Update: 2017-11-12 13:20 GMT

रायगढ़।  रायगढ़ पूर्वी अंचल के जंगल जामगांव सर्किल एवम रेंगाल पाली सर्किल के अंतर्गत आने वाले प्राय: सभी बीट कुकुरदा विश्वनाथ पाली जामगांव  सपनाई अंचल के जंगलों में आये दिन हाथी हो या जंगली सुअर या फिर खरगोश हो या अन्य वन्य पशु शिकारी अपने शिकार में सफल होते रहे हैं । एकाध केस ही सामने आने पर पर्दाफाश हो पाता है । 

गत 8 नवम्बर को विशनाथ पाली गांव के तालाब के पास एक जंगली सुअर की लाश मिलने से वन विभाग में खलबली मचगई थी। सुअर के शरीर मे मिले चोट के निशान से ही प्रथम दृष्टया शिकार होना प्रतीत होता है। वही उक्त मृत जंगली सुअर के पोस्टमार्टम कर रहे डॉक्टर सनत नायक पशु चिकित्सक लोइंग ने इस संवाददाता को बताया कि उक्त जंगली सुकर की मौत धारदार हथियार से हृदय में आघात होने के कारण हुई है ।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अब वन विभाग के लिए यह चुनोती हो गई है कि आखिर किसने किया शिकार ? अब यह जांच का विषय हो गया है वही शिकारी तक पहुंचने के लिये विभाग को एड़ी चोटी एक करनी होगी । उक्त सवांददाता ने वन परिक्षेत्राधिकारी आर सी यादव   से इस संबंध में पक्ष जानने के लिए  सम्पर्क किया तो उन्होंने मोबाइल बीजी कर दिया ।

कुल मिलाकर वन विभाग की निष्क्रियता के कारण पूर्वांचल के जंगलों का विनाश तो हो ही रहा है , जँगली पशु भी संरक्षित नही है । विशनाथ पाली बीट का बिट प्रभारी का मकान भी जर्जर है जहाँ कई सालों से बिट प्रभारी रहता ही नही । ऐसे में निष्क्रिय वन समिति के बूते पूरा जंगल राम भरोसे ही कही जाएगी । 

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