आप का हमलाशीला दीक्षित के पेट में क्यों हो रहा है दर्द

पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने ट्वीट कर अधिकारियों का हौसला क्या बढ़ाया आम आदमी पार्टी के नेताओं ने हमले शुरू कर दिए;

Update: 2017-10-19 04:19 GMT

नई दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने ट्वीट कर अधिकारियों का हौसला क्या बढ़ाया आम आदमी पार्टी के नेताओं ने हमले शुरू कर दिए और कहा कि बड़े दिनों बाद दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने ट्वीटर पर बाबुओं और नौकरशाहों की तरफदारी की है।

मॉडल टाउन के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने विधानसभा में लोन घोटाले को लेकर एक प्रश्न लगाया था। इसकी जांच विधानसभा की कमेटी कर रही है, अधिकारियों से पूछताछ हो रही है, तो शीला दीक्षित के पेट मे दर्द हो रहा है।

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक में गैर कानूनी ढंग से सदस्य बनाये गए और इसकी संख्या अब कम हो गई है। एक कागज हाथ लगा है कि बैंक अधिकारियों ने गैर कानूनी ढंग से फार्म खरीदे व शीला दीक्षित ने भी 1000 फार्म खरीदे। घोटाले में फंस रहे लोग कांग्रेस के बड़े नेता भी हैं, हम आरोप नहीं लगा रहे,  बैंक और रजिस्ट्रार की जांच रिपोर्ट में यह सामने आया है। दिल्ली सरकार के आईएएस अधिकारी पीसी जैन की रिपोर्ट है, जिसमें उन्होंने कई अधिकारियों को बुलाया, इसमें मालूम पड़ा कि सिर्फ एक अखबार में विज्ञापन निकाला गया जिसमें बैंक का पता, आयु सीमा व जाति आरक्षण का ब्योरा नहीं है, वहीं 40 भर्तियों के लिए सिर्फ 80 लोगों का आवेदन आया।

उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित की नाक के नीचे हुआ था करोड़ों रुपए का बैंक घोटाला, अब अधिकारी जवाबदेही से भाग रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक में साल 2012 में उस वक्त की दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की नाक के नीचे उक्त बैंक में बड़ा घोटाला अंजाम दिया गया, वर्तमान में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव शीला दीक्षित के उसी घोटाले के संदर्भ में जवाबदेही से बच रहे हैं और यही वजह है कि इन अधिकारी के प्रति पूर्व सीएम शीला दीक्षित का स्नेह उमड़ रहा है।

आप नेता ने कहा कि मौजूदा मुख्य सचिव पूर्व में शीला दीक्षित के प्रधान सचिव रहे हैं और यही कारण है कि आज शीला दीक्षित उक्त अफ़सर का बचाव कर रही हैं।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि विधानसभा की कमेटी ने इस बैंक घोटाले के मामले में मुख्य सचिव से जवाब तलब किया था और उनके मातहत काम करने वाले अफ़सर के खिलाफ  एक्शन लेने का आदेश दिया था, मुख्य सचिव एम एम कुट्टी ना केवल इस मामले में कोई जवाब दे रहे हैं बल्कि कमेटी की तरफ़ से जो निर्देश मुख्य सचिव को दिए गए थे उस संदर्भ में की गई कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी ही विधानसभा की कमेटी को वो नहीं दे रहे हैं।

श्री भारद्वाज आरोप लगाया कि फर्जी कागजों के आधार पर करोड़ों रुपए के लोन दिए गए जो कभी वापस ही नहीं आए। कुछ लोन तो ऐसे लोगों के नाम से दिए गए जो दर्ज कराए पतों पर रहते भी नहीं थे। जमीन के नकली कागजात के आधार पर करोड़ों रुपए के लोन दिए गए और वो लोन का पैसा वापस भी नहीं आया। यह सब कुछ बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से किया गया। बोर्ड के डायरेक्टर बनाने के लिए उक्त सहकारी बैंक की मेम्बरशिप को लेकर बड़ा घोटाला किया गया जिसके तहत फ र्जी मेम्बर बनाए गए।

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