डब्ल्यूएचओ ने नीति निर्माताओं के लिए एक नयी नियमावली जारी की

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आज ‘अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ के अवसर पर स्वास्थ्य प्रबंधकों और नीति निर्माताओं के लिए एक नयी नियमावली जारी की है;

Update: 2017-11-25 12:27 GMT

कोलकाता।  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आज ‘अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ के अवसर पर स्वास्थ्य प्रबंधकों और नीति निर्माताओं के लिए एक नयी नियमावली जारी की है ताकि हिंसा से पीड़ित महिलाओं की बेहतर स्वास्थ्य देखरेख की जा सके। 
महिलाओं के विरुद्ध हिंसा एक बड़ी जन स्वास्थ्य समस्या, लैंगिक असमानता से जुड़ा मुद्दा और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा में उनके यौन सहभागियों और गैर यौन सहभागियों द्वारा की गयी शारीरिक, यौन और मनोवैज्ञानिक हिंसा शामिल है। डब्ल्यूएचओ के आकलन के अनुसार दुनियाभर में प्रत्येक तीन में से एक महिला को शारीरिक या यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है। इनमें से ज्यादातर मामलों में इस हिंसा को उनके यौन सहभागी अंजाम देते हैं।

यह हिंसा महिलाओं के स्वास्थ्य पर कई तरह से प्रतिकूल प्रभाव डालती है। इसके तात्कालिक और दीर्घकालीन प्रभाव पड़ते हैं। यह प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले और न दिखाई देने वाले हो सकते हैं। जो महिलाएं ऐसी हिंसा का सामना करतीं हैं वे ज्यादातर ऐसे लोगों से स्वास्थ्य देखरेख प्राप्त करतीं हैं जिनसे वे हिंसा के मूल कारण को जाहिर नहीं करतीं। 

इस प्रकार स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की भूमिका हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं की पहचान करने और उनके साथ सहानुभूति के साथ बातचीत करने में महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ऐसी महिलाओं के साथ समुचित स्वास्थ्य सेवाएं दे सके इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है ताकि उनको उच्च गुणवत्ता वाली सम्मानपूर्ण देखरेख प्राप्त हो सके। 

यह नियमावली डब्ल्यूएचओ के “महिलाओं के विरुद्ध यौन सहभागियों की हिंसा और यौन हिंसा का मोचन (2013)” चिकित्सीय और नीति दिशा-निर्देशों पर आधारित है। इसमें लड़कियों और महिलाओं की शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार स्वास्थ्य प्रदाताओं व नीति-निर्माताओं को योजना, प्रबंधन और निगरानी सेवाओं के लिए ‘किस तरह से’ निर्देश दिए जाए। ताकि महिलाओं की सुरक्षा, सहयोग और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं का समाधान किया जा सके। 
 

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