उत्तर पूर्वी दिल्ली से कब हटेगा अतिक्रमण!
राजधानी दिल्ली में भारी पैमाने पर अतिक्रमण हटाने व अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई हो रही है;
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में भारी पैमाने पर अतिक्रमण हटाने व अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई हो रही है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम व उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शहर को साफ करने का श्री गणेश भी कर दिया है।
लेकिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम अभी भी लंबी नींद में सो रहा है। वैसे भी जब कभी भी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट का डंडा इस प्रकार चलता है तो पॉश क्षेत्रों में तो काम शुरू हो ही जाता है। लेकिन शायद माननीय सुप्रीम कोर्ट की नजर में दिल्ली का पूर्वी क्षेत्र पिछड़ा क्षेत्र कहलाता है।
इसलिए यहां की जनता नरकीय जीवन सदा झेलती रहती है। लेकिन इस बार लगता है कि एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के निर्देशन में पूर्वी दिल्ली को स्लम बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली के अंतर्गत चंदर विहार, आई पी एक्सटेंशन, पांडव नगर, विनोद नगर, नरेष नगर, लक्ष्मी नगर, त्रिलोकपुरी आदि क्षेत्र आते है।
जहां की स्थानीय जनता कीड़े-मकोड़े की जिंदगी जीती है और नेताओं, अधिकारियों व पुलिस की छत्र छाया में इन क्षेत्रों में वाहन चलाना तो दूर, पैदल निकलना तक भारी हो जाता है।
आलम यह है कि 9 ई व अन्य विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत लोगों ने अवैध फैक्टरियां, घरों में दुकान, घरों के बाहर तीन तीन फुट के चबूतरे रिहायशी क्षेत्रों में कमर्शियल गतिविधियां, चालू है, वहीं रामाकृष्णा अपाटेमंट सके सामने दुकानदारों का 60 फुट के रोड को 15 फुट में तब्दील करना, फुटपाथों पर कब्जा करना, सड़कों पर वाहनों की पार्किंग, गलियों में दुकानों का बोलबाला आदि इतनी भयावह समस्या है जिन पर आजतक कार्रवाई नहीं हुई।
बहरहाल पिछड़े क्षेत्र मानने वाले नागरिकों को सुप्रीम कोर्ट की मानिटरिंग कमेटी व एसटीएफ से उम्मीद है कि इस बार यहां कार्रवाई पूर्वी दिल्ली में हो, और यहां से पूरा अतिक्रमण हटे और यदि दोबारा हो तो स्थानीय अधिकारी व पुलिस का इलाकाई थानाध्यक्ष लाइन हाजिर हो। तब जाकर इस क्षेत्र में लोगों को संास लेने व पैदल चलने की जगह मिल सकेगी।