जब मैं जेएनयू में था, तब नहीं था टुकड़े-टुकड़े गैंग : जयशंकर

जेएनयू से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और ‘अंतरराष्ट्रीय संबंध’ संदर्भ में एम.फिल और पीएचडी कर चुके डॉ. जयशंकर ने यहां एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में यह बात कही;

Update: 2020-01-07 02:47 GMT

नई दिल्ली। देश की अग्रणी एवं प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में शुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के मौजूदा माहौल के परिप्रेक्ष्य में गुजरे दिनों को याद करते हुए केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि जब वह जेएनयू में थे , तब टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं था।

जेएनयू से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और ‘अंतरराष्ट्रीय संबंध’ संदर्भ में एम.फिल और पीएचडी कर चुके डॉ. जयशंकर ने यहां एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा, “ मैं जेएनयू के बारे में क्या कहूं। मैंने यह बात कल भी कही। यह बहुत स्पष्ट है और मैं निस्संदेह कहता हूं कि जब मैं जेएनयू में अध्ययनरत था, कभी कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं देखा।”

इससे पहले रविवार को डॉ. जयशंकर ने अपने ट्वीट में जेएनयू हिंसा की निंदा की थी। उन्होंने ट्वीट किया था, “ तस्वीरें बयां करती है कि जेएनयू में क्या हो रहा है। हिंसा निस्संदेह निदंनीय है। यह पूर्णरूपेण विश्वविद्यालय की परंपरा और संस्कृति के विपरीत है।”

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