जनता से वोट की अपील का क्या फायदा, जब बड़े लोगों के नाम सूची से गायब हो: अखिलेश

अखिलेश यादव ने निकाय चुनाव में मतदान केंद्रों से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत मिलने और कई वीआईपी लोगों तक के नाम मतदाता सूची से गायब रहने पर कसा तंज;

Update: 2017-11-27 18:06 GMT

लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निकाय चुनाव में मतदान केंद्रों से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत मिलने और कई वीआईपी लोगों तक के नाम मतदाता सूची से गायब रहने पर सोमवार को तंज कसते हुये कहा कि आम जनता से वोट की अपील करने का क्या फायदा, जब बड़े-बड़े लोगों के नाम कट गए।

अखिलेश ने ट्वीट कर कहा, "जब सांसद, मंत्री, मेयर तक के नाम मतदाता सूची से गायब हैं, तब आम जनता से वोट डालने की अपील का क्या फायदा। इसे सुधारना ही होगा, नहीं तो जो उंगलियां वोट देने के बाद शान से उठाई जाती हैं, वो सरकार की मंशा पर उठने लगेंगी। चुनावी प्रक्रिया में विश्वास लोकतंत्र की सबसे बड़ी जरूरत है।"

जब सांसद, मंत्री, मेयर तक के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं, तब आम जनता से वोट डालने की अपील का क्या फ़ायदा. इसे सुधारना ही होगा, नहीं तो जो उँगलियाँ वोट देने के बाद शान से उठायी जाती हैं, वो सरकार की मंशा पर उठने लगेंगी. चुनावी प्रक्रिया में विश्वास लोकतंत्र की सबसे बड़ी ज़रूरत है.

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 27, 2017


 

गौरतलब है कि रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा देवरिया से भारतीय जनता पार्टी के सांसद कलराज मिश्र के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया सुलखान सिंह का नाम मतदाता सूची से गायब था। इनके साथ ही वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे वीरभद्र निषाद का नाम भी मतदाता सूची में नहीं था।

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