व्यापमं मामले में रिश्वत लेने पर नहीं मिली सजा: प्रहलाद पटेल
प्रहलाद पटेल ने व्यापमं मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद ट्वीट करते हुए कहा है कि जिन्होंने रिश्वत दी, वे दंडित हुए, पर जिन्होंने रिश्वत ली, उन्हें सजा नहीं मिली ।;
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने व्यापमं मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद ट्वीट करते हुए कहा है कि जिन्होंने रिश्वत दी, वे दंडित हुए, पर जिन्होंने रिश्वत ली, उन्हें इस मामले में सजा नहीं हुई। पिछले दिनों न्यायालय ने अपने फैसले में सामूहिक नकल के दोषी 600 से भी ज्यादा मेडिकल छात्रों का दाखिला रद्द कर दिया था।
वर्तमान में मध्यप्रदेश के दमोह से भाजपा सांसद पटेल ने कल इस मामले में कई सिलसिलेवार ट्वीट किए थे, जिसमें उन्होंने कहा था - व्यापमं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर न खुश हो सकते है और न दु:ख व्यक्त कर सकते है।
वास्तविक अपराधियों को सजा मिलने का इंतजार है। व्यापमं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी प्रशासनिक कार्यवाहियों एवं राजनीतिक इच्छाशक्ति की समीक्षा के लिए मजबूर करता है। इसके बाद आज उन्होंने कई और ट्वीट करते हुए कहा - व्यापमं में जिन्होंने रिश्वत ली, रिश्वत देने प्रेरित किया उनको कब सजा मिलेगी, उसका इंतजार है, तभी न्याय पूरा होगा। हम अपनी भविष्य की पीढ़ी को लुटने से न बचा सके ऐसा विफल प्रशासनिक ढांचा, राजनैतिक दृष्टि से कैसे ओझल हो गया, यह आत्मावलोकन जरूरी है।
इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने दूरभाष पर यूनीवार्ता से कहा - मैं नहीं जानता कि रिश्वत लेने वाले कौन हैं और रिश्वत लेने के लिए किसने प्रेरित किया, पर ये बात तय है कि जिन्होंने भी रिश्वत ली, उन्हें सजा नहीं मिली। अपने रुख पर कायम रहते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती के नजदीकी माने जाने वाले पटेल ने कहा मुझसे मेरे ट्वीट को लेकर ये पूछा जा रहा है कि क्या मेरा अाशय प्रदेश में सत्ता परिवर्तन से है, लेकिन मैं फिर कह रहा हूं कि मैं व्यवस्था परिवर्तन की बात कर रहा हूं।
पटेल ने इन ट्वीट्स के माध्यम से प्रदेश में सत्ता के गलियारों में एक बार फिर इस मसले को लेकर सरगर्मियां बढा दी हैं। प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने पटेल के इन ट्वीट का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा सांसद ने छात्रों के हित में एकदम सही बात कही है।
सरकार को उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए वास्तविक अपराधियों को सजा दिलानी चाहिए। मध्यप्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा मंडल (व्यापमं) कई प्रवेश परीक्षाएं आयोजित कराता था।
इन परीक्षाओं में घोटाला सामने आने के बाद प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार विपक्ष के साथ ही विरोधियों के निशाने पर आ गई थी। जून- जुलाई 2015 में फिर ये मामला गर्माने के बाद मुख्यमंत्री ने इसकी जांच विशेष कार्य बल की बजाए सीबीआई से करवाने की उच्च न्यायालय से मांग की थी। अब इस मामले की जांच सीबीअाई कर रही है। मामले में तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा समेत कई भाजपा नेताओं का नाम सामने आया था।