विजग गैस पीड़ितों ने शवों के साथ संयंत्र के सामने विरोध प्रदर्शन किया

एलजी पॉलिमर के रासायनिक संयंत्र में हुए गैस रिसाव के दो दिन बाद वेंकटपुरम गांव के लोगों ने यहां शनिवार को संयंत्र के सामने तीन शवों के साथ विरोध प्रदर्शन कर न्याय की मांग की।;

Update: 2020-05-09 16:11 GMT

विशाखापत्तनम | एलजी पॉलिमर के रासायनिक संयंत्र में हुए गैस रिसाव के दो दिन बाद वेंकटपुरम गांव के लोगों ने यहां शनिवार को संयंत्र के सामने तीन शवों के साथ विरोध प्रदर्शन कर न्याय की मांग की। दुर्घटना में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों अन्य लोग प्रभावित हुए हैं। पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग जब संयंत्र का दौरा कर रहे थे, उसी दौरान ग्रामीण तीन शवों को लेकर संयंत्र के गेट पर धरना देने लगे। इसके कारण वहां तनाम की स्थिति पैदा हो गई।

पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त आर.के. मीणा और अन्य अधिकारी जब संयंत्र के अंदर थे तब प्रदर्शनकारियों ने मुख्य द्वार को अवरुद्ध कर दिया और नारे लगाते हुए संयंत्र को बंद करने और यहां से हटाने की मांग करने लगे।

पुलिसकर्मियों की परेशानी तब और बढ़ गई जब कुछ प्रदर्शनकारी संयंत्र परिसर में घुस गए। शीर्ष अधिकारियों को सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस को कठिनाई का सामना करना पड़ा।

इस दौरान कुछ स्थानीय पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों को शांत करने और उन्हें आंदोलन को समाप्त करने के लिए मनाने की कोशिश करते नजर आए।

इससे पहले संयंत्र के आसपास के पांच गांवों में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए गोपालपुरम के निवासियों ने कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यहां धरना दिया, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया और वहां से हटा दिया।

महिलाओं सहित कई अन्य ग्रामीण भी वहां पहुंचे और उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह संयंत्र बंद करके उनकी रक्षा करे।

ग्रामीणों ने आशंका व्यक्त की कि पर्यावरण और उनके स्वास्थ्य पर संयंत्र से लीक स्टाइरीन के दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "सरकार को तुरंत संयंत्र को बंद करना चाहिए और इसे किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करना चाहिए।"

ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि गैस रिसाव की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति को चाहिए कि वह कंपनी के प्रबंधन से बातचीत करने के बजाए आसपास के पांच गांवों के लोगों के साथ बात करे।

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