चिरायु के डॉक्टरों की सेवा समाप्ति का नोटिस
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना चिरायु डॉक्टरों की हड़ताल के कारण चरमरा गई है;
प्रदेशव्यापी आह्वान पर जिले के 64 डॉक्टर व कर्मचारी है धरने पर
जांजगीर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना चिरायु डॉक्टरों की हड़ताल के कारण चरमरा गई है। चिरायु के सभी डॉक्टर पिछले 10 दिन से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल को खत्म करने और फिर से योजना को सुचारु रुप से चलाने के लिए शासन ने सभी चिराई डॉक्टरों को संविदा अवधि से एक माह पूर्व ही सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया है। इस परिपेक्ष में जांजगीर-चांपा जिले की बात करें तो यहां चिरायु योजना के तहत लगे दर्जनों वाहनों के पहिए थम चुके हैं।
एनएचएम के डीपीएम यानी जिला कार्यक्रम प्रबंधक गिरीश कुर्रे का कहना है कि उन्होंने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जिले में चिरायु योजना के तहत कार्य कर रहे 39 डॉक्टरों व अन्य स्टाफ को सहित करीब 64 लोगों को नोटिस जारी कर सेवा समाप्ति का अल्टीमेटम दे दिया है।
डीपीएम ने बताया कि चिरायु योजना के तहत लगे डॉक्टर व अन्य कर्मचारी अपने वेतन विसंगति व अन्य मांगों को लेकर गत 12 जून से ऑनलाइन इंट्री व जीआईएस को बंद कर दिया था। इसके बाद भी जब शासन ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वह लोग सामूहिक रुप से 16 जून को अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए जो कि अब तक जारी है इस बात की जानकारी होने पर जिला कलेक्टर डॉक्टर एस भारतीदासन के निर्देश पर 64 डॉक्टरों व कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है।
नोटिस में स्पष्ट रुप से बताया गया है कि वर्षा ऋतु में गंभीर बीमारियों का प्रकोप अधिक रहता है इसके बाद भी आंगनबाड़ी व स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच प्रभावित हो रही है। उक्त कार्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ मानव संसाधन केंद्र नीति 2014 के अधीन कंडिका 11.9 व 11.10 का उल्लंघन है। इस कारण कंडिका 14.1 के प्रावधान के तहत संविदा अवधि के एक माह पूर्व की सेवा समाप्ति का यह नोटिस जारी किया जाता है।