राजस्थान उपचुनाव के परिणामों के बाद इस्तीफा दें वसुंधरा राजे: सचिन पायलट

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में दो लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए;

Update: 2018-02-01 16:15 GMT

जयपुर।  राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में दो लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए , उन्हें अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।

पायलट ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि उपचुनाव में मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी के चार साल के कुशासन पर मुहर लगाई है।
तीनों उपचुनाव में कांग्रेस के पक्ष में चुनाव परिणाम आने से यह साफ हो गया है कि सत्ता, पैसे की ताकत और बहुमत के जोर के बावजूद जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। इससे यह मिथक भी टूट गया है कि भाजपा चुनाव जीतने की मशीन है।

Initial trends from #RajasthanByPolls are a mandate against the Govt, I hope our leads will increase even more. Vasundhara ji and her Govt have been totally rejected by people: Sachin Pilot,Congress pic.twitter.com/UyW82Vhfvt

— ANI (@ANI) February 1, 2018


 

उन्होंने कहा कि लोकसभा उपचुनाव में जीत नोटबंदी और जीएसटी के खिलाफ मतदाताओं का सीधा फैसला है, इसे केंद्र की भाजपा सरकार को समझना चाहिए।

इस जीत से कर्नाटक आदि राज्यों में निकट भविष्य में होने वाले चुनाव पर तो असर पड़ेगा ही साथ ही प्रदेश में आठ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस काे ताकत मिलेगी। यह तय है कि अगले विधानसभा चुनावों में राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनाएगी।

उन्होंने कहा कि मतदान के दो दिन पहले भाजपा ने पैसा और शराब बांटने के लिए अपनी पूरी टीमें लगा दी लेकिन प्रशासन और कांग्रेस की गश्त कर रही टीमों ने गैरकानूनी तरीके से मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयासों को सफल नहीं होने दिया। एकजुट कांग्रेस ने तीनों उपचुनाव जीतकर मद में चूर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का धुआं निकाल दिया।

पायलट ने इस चुनाव में भाजपा के जुमले फेंकने और झूठे वायदे कर जनता को भ्रमित करने के प्रयासों को जनता ने सिरे से नकार दिया।
उन्होंने कहा भाजपा ने पहले तो धर्म के नाम पर राजनीति करने की चेष्टा की लेकिन जब यह दांव नहीं चला जो जातियों को बांटकर वोट बटोरने का प्रयास किया लेकिन वह अपने मंसूबों पर कामयाब नहीं हो सकी।
 

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