नोएडा में एसआईआर की प्रक्रिया में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई, दो कर्मचारी निलंबित
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता सामने आने पर नोएडा प्राधिकरण ने कठोर निर्णय लेते हुए दो कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है;
नोएडा। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता सामने आने पर नोएडा प्राधिकरण ने कठोर निर्णय लेते हुए दो कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों में सहायक मैकेनिक कम ऑपरेटर विश्राम सिंह और कनिष्ठ सहायक नीरज देवी शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के एसआईआर का कार्य वर्तमान में प्रदेशभर में चल रहा है। इसके तहत अर्हता तिथि 1 जनवरी 2026 के आधार पर मतदाताओं के नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक गणना प्रपत्रों का वितरण एवं संग्रह किया जाना निर्धारित था। इस कार्य के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई थी, ताकि सभी पात्र नागरिकों का नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो सके।
रिपोर्ट के अनुसार, तहसीलदार दादरी एवं सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (61-नोएडा विधानसभा) ने सूचित किया कि इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए विश्राम सिंह को पर्यवेक्षक तथा नीरज देवी को बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) के रूप में नियुक्त किया गया था, परंतु 26 नवंबर तक दोनों कर्मचारियों द्वारा सौंपे गए फार्म का डिजिटलाइजेशन और पुनरीक्षण कार्य अत्यंत धीमा और असंतोषजनक पाया गया।
प्राधिकरण के अनुसार, उनके ढीले रवैये के कारण शासन द्वारा संचालित निर्वाचन संबंधी कार्य में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ, जो सीधे तौर पर निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना है। निर्वाचन प्रक्रिया की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इस आचरण को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950, उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 तथा नोएडा सेवा नियमावली-1981 का उल्लंघन माना गया।
इसके परिणामस्वरूप मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा ने दोनों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। प्राधिकरण की ओर से यह भी स्पष्ट संदेश दिया गया कि निर्वाचन जैसे संवैधानिक और महत्वपूर्ण कार्यों में किसी भी स्तर की लापरवाही, शिथिलता या अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, संबंधित पर्यवेक्षण इकाइयों को भी अभियान की प्रगति पर नियमित समीक्षा और कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।