धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: अतरौली में बड़े महादेव मंदिर के विकास के लिए 1 करोड़ स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल स्व. कल्याण सिंह की कर्मभूमि अतरौली को एक बड़ी सौगात देते हुए पर्यटन विभाग द्वारा ऐतिहासिक बड़े महादेव मंदिर के सौन्दर्यीकरण एवं विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है;

Update: 2025-08-21 04:03 GMT

कल्याण सिंह की कर्मभूमि को श्रद्धांजलि, अतरौली में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की पहल

  • अतरौली बनेगा धार्मिक पर्यटन का केंद्र, यूपी सरकार ने मंदिर सौंदर्यीकरण को दी हरी झंडी
  • बड़े महादेव मंदिर का कायाकल्प तय, अतरौली को मिली सांस्कृतिक पहचान की नई दिशा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल स्व. कल्याण सिंह की कर्मभूमि अतरौली को एक बड़ी सौगात देते हुए पर्यटन विभाग द्वारा ऐतिहासिक बड़े महादेव मंदिर के सौन्दर्यीकरण एवं विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि अतरौली, स्व. कल्याण सिंह जी की जन्मस्थली और उनकी राजनीतिक यात्रा का केंद्र रहा है। अब यह स्थल धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के नए केंद्र के रूप में विकसित होगा। बड़े महादेव मंदिर का सौन्दर्यीकरण न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं की आस्था को मजबूत करेगा, बल्कि प्रदेश और देशभर से आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा।

जयवीर सिंह ने इसे अतरौली को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन मानचित्र पर विशेष पहचान दिलाने की दिशा में अहम कदम बताते हुए कहा कि यह पहल जननायक स्व. कल्याण सिंह जी को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिनका जीवन सनातन, सांस्कृतिक चेतना और लोकहित की राजनीति को समर्पित रहा।

पर्यटन मंत्री ने स्पष्ट किया कि बाबूजी कल्याण सिंह की पुण्यतिथि पर अतरौली को यह सौगात उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर पर्यटन, व्यापार और रोजगार को भी नई गति देगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जहां ओबीसी समाज को सशक्त बना रही है, वहीं सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को भी संरक्षित और संवारा जा रहा है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि स्वीकृत राशि से बड़े महादेव मंदिर परिसर का कायाकल्प होगा और यहां आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि अतरौली की पहचान अब केवल एक राजनीतिक गढ़ तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व से जुड़कर पर्यटन की नई संभावनाओं का केंद्र बनेगी।

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