बीएलओ की आत्महत्या की घटनाओं पर मायावती ने जताई चिंता, संसद में गंभीर चर्चा की उठाई मांग

उत्तर प्रदेश में एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान बीएलओ की ओर से आत्महत्या करने की घटनाओं पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने चिंता जताई है। उन्होंने मांग उठाई कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बीएलओ समेत प्रमुख मुद्दों पर सही से चर्चा होनी चाहिए;

By :  IANS
Update: 2025-12-01 05:06 GMT

बीएलओ की दिक्कतों और आत्महत्या जैसी घटनाओं पर गंभीर संवाद की दरकार : मायावती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान बीएलओ की ओर से आत्महत्या करने की घटनाओं पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने चिंता जताई है। उन्होंने मांग उठाई कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बीएलओ समेत प्रमुख मुद्दों पर सही से चर्चा होनी चाहिए।

बसपा मुखिया मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, जिसके हर सत्र की तरह इस बार भी काफी हंगामेदार होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।"

उन्होंने लिखा, "हमारी पार्टी चाहती है कि संसद के दोनों सत्र सुव्यवस्थित व शांतिपूर्ण तरीके से संचालित हों। देश व जनहित के जरूरी मुद्दों पर, खासकर राजधानी दिल्ली आदि में वायु प्रदूषण के कारण आ रही भारी परेशानी और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर व्यावहारिक तौर पर हो रही परेशानियों, आपत्तियों व इस कार्य के मुख्य कर्ताधर्ता बीएलओ की दिक्कतों, उनकी ओर से की जा रही खुदकुशी की दुखद घटनाओं पर सही से चर्चा हो सके। साथ ही साथ, इन समस्याओं का उचित समाधान निकलने की दिशा में सार्थक प्रयास हो सके।"

उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप लगाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि व्यापक देश व जनहित साधने के लिए संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्ता और विपक्ष दोनों को राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर पूरी तरह से संवेदनशील और गंभीर होने की जरूरत है।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है, जिसे लेकर विरोधी दल सरकार और चुनाव आयोग को घेर रहे हैं। वहीं इस बीच कुछ बीएलओ की जान भी चली गई है। यूपी के मुरादाबाद स्थित भोजपुर क्षेत्र के बहेड़ी में बीएलओ ने आत्महत्या कर ली। पुलिस और परिजनों को मौके से सुसाइड नोट मिला है। हालांकि अभी जितनी भी घटनाएं हुई हैं, उसके कई कारण हैं।

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