उत्तर प्रदेश :पुलिसकर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष सेल का गठन
उत्तर प्रदेश में अवसादग्रस्त पुलिस जवानों द्वारा अनुशासनहीनता तथा असहज आचरण किये जाने की सामने आईं;
महोबा । उत्तर प्रदेश में अवसादग्रस्त पुलिस जवानों द्वारा अनुशासनहीनता तथा असहज आचरण किये जाने की सामने आईं घटनाओं के बाद महोबा जिले में पुलिसकर्मियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण तथा उन्हें तनावमुक्त रखने के लिए पुलिस ग्रीवियांस रिन्ड्रेसन यूनिट (पीजीआरयू)नामक विशेष सेल का गठन किया गया है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी)कुंअर अनुपम सिंह ने बुधवार को बताया कि नव गठित पुलिस शिकायत निवारण शाखा (पीजीआरयू) में किसी भी जवान की इस जिले में तैनाती के दौरान वेतन, वर्दी, भत्ते और पदोन्नति समेत पारिवारिक समस्याओं और शिकायतों का निवारण किया जाएगा। पुलिसकर्मी बेझिझक होकर अपनी बात यहाँ दर्ज करा सकेंगे। उप निरीक्षक स्तर के एक अधिकारी को सेल का प्रभारी बनाया गया है। जो शिकायत को संबंधित अधिकारी के समक्ष पेश कर उसका निस्तारण कराएगा। यूनिट के क्रिया कलापों की हर रोज उच्च स्तर पर समीक्षा की व्यवस्था भी की गई है।पुलिस मित्र की भूमिका में यह यूनिट चौबीसों घण्टे सक्रिय रहकर जवानों को आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी।
पुलिस कप्तान ने बताया कि यहां पुलिस लाइन में तैनात सिपाही लक्ष्मण सिंह ने वेतन और फंड से जुड़ी अपनी समस्या का समाधान न होने पर कुछ दिनों पूर्व मामले को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया था। इस घटना के बाद महोबा में पुलिस शिकायत निवारण की विशेष शाखा की स्थापना की आवश्यकता महसूस की गई थी। इस यूनिट के कारगर होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है गठन के तीन दिन के अंतराल में ही पुलिस जवानों द्वारा उसमे अब तक पचास से अधिक शिकायतें दर्ज कराई गई है।
उल्लेखनीय है कि महोबा में ड्यूटी के बोझ के चलते लकवा ग्रस्त अपनी पत्नी का इलाज कराने को समय न मिलने तथा भत्ते की रकम न निकल पाने से दुखी पुलिस कर्मी लक्ष्मण सिंह ने पुलिस अधीक्षक अनुपम सिंह को वीडियो भेज समस्या से अवगत कराया था तथा दुखी होकर आत्महत्या कर लेने की घोषणा की थी। एसपी ने प्रकरण में तत्काल कार्यवाही कर सिपाही की समस्या को न सिर्फ निस्तारित किया था बल्कि मामले में दोषी पुलिस लाइन के एकांउन्टेंट को निलंबित भी किया गया था।