उप्र : लखनऊ के आस-पास के गांवों को रोडवेज से जोड़ेगी सरकार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ  और इसके आस-पास के जिलों के जिन गांवों में रोडवेज सेवा नहीं है, वहां इसकी शुरुआत की जाएगी;

Update: 2019-09-03 00:48 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ  और इसके आस-पास के जिलों के जिन गांवों में रोडवेज सेवा नहीं है, वहां इसकी शुरुआत की जाएगी। इसके लिए निर्धारित मार्गों को चिन्हित कर लिया गया है।

लखनऊ  क्षेत्र के प्रबंधक पल्लव बोस ने बताया, ‘‘राजधानी लखनऊ  से बाराबंकी, रायबरेली और आसपास के जिलों में जिन गांवों में बस सेवा नहीं है, वहां सेवाओं की शुरुआत इसी माह से हो जाएगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया में जिन ऑपरेटरों के पास सही हालत में बसें हैं, उन्हें प्रमुखता दी जाएगी। इसके लिए निर्धारित मार्गों का चयन हो गया है। कुल 52 रूटों पर बसें चलेंगी। इसी माह शुरू होने वाली इन ग्रामीण बसों से हजारों लोगों की राह आसान होगी।’’

असेवित गांवों (जहां पर कोई भी बस सेवा नहीं है) को बस सेवा से जोडऩे के लिए परिवहन निगम बोर्ड पहले ही ‘साधारण ग्रामीण अनुबंधित बस योजना-2019’ पर मुहर लगा चुका है। इस योजना के अन्र्तगत अनुबंध के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों को रोडवेज बसों से जोड़ते हुए असेवित गांवों और कस्बों को निकटतम जिला मुख्यालय तक जोडऩा है।

ज्ञात हो कि इस बारे कई बार बातें तो की गईं, लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। इसे देखते हुए परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर ने इस योजना में बदलाव के निर्देश देते हुए नियमों को शिथिल करने को कहा। नतीजा करीब 56 बस अपरेटर 52 मार्गों पर बस संचालन के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया में आ गए। इस बार उन बस आपरेटरों को प्राथमिकता दी गई है, जिनके पास बसें तैयार हैं।

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