यूपी बोर्ड का फर्जी कार्यक्रम वायरल, शिक्षा विभाग ने नकारा

यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर एक समय सारणी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं;

Update: 2021-05-18 00:56 GMT

लखनऊ। यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर एक समय सारणी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इसे लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कहा अभी तक कोई परीक्षा कार्यक्रम नहीं जारी किया गया है। यह फर्जी है। पांच जून से परीक्षा कार्यक्रम को देखकर प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं के होश उड़ गए। ऐसे में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव ने मोर्चा संभाला और इसका खंडन करने के साथ ही इसको वायरस करने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का मन बना लिया है।

दरअसल, परीक्षाओं को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग कई विकल्पों पर काम कर रहा है। विभाग के अधिकारी जल्द ही अपना प्रस्ताव सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। मई के अंतिम सप्ताह तक सरकार इस पर निर्णय ले सकती है।

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रदेश सरकार ने सीबीएसई और आइसीएससी की तर्ज पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा 2021 को स्थगित कर दिया है। इसके बाद बोर्ड कोविड संक्रमण की स्थिति में कुछ सुधार होने के बाद जुलाई के पहले हफ्ते तक इंटर की परीक्षा कराने की योजना बना रही है।

ऐसे में सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरस कार्यक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश के निदेशक माध्यमिक तथा सचिव यूपी बोर्ड, तत्काल ही एक्शन में आ गए। वायरस मैसेज में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल इंटरमीडिएट परीक्षा कार्यक्रम 2021 को पांच से 25 जून के मध्य में सम्पन्न कराने का संदेश है। इसके साथ ही इसमें निर्देश है कि कोविड-19 के नियमों को ध्यान मे रखते हुए परीक्षा करायी जाएगी।

यूपी बोर्ड सचिव दिव्य कांत शुक्ल ने कहा कि यह पूरी तरह फर्जी है। यह नितांत ही गलत कृत्य है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से आग्रह किया है कि इस फर्जी कार्यक्रम का संज्ञान न लें। इनकी अनदेखी करें। यूपी बोर्ड सचिव ने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कराएंगे। यह भी तय है कि इस तरह की फर्जी सूचना प्रसारित करने वालों पर शीघ्र ही कड़ी कार्रवाई भी होगी।

ज्ञात हो कि यूपी बोर्ड से इस बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए करीब 56 लाख ने पंजीकरण कराया था। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं इस वर्ष 28 अप्रैल से होनी थीं। राज्य सरकार ने इसके बाद 15 अप्रैल 2021 को हाईस्कूल और इंटर की परीक्षओं को स्थगित करने का फैसला किया था। सरकार ने यह फैसला राज्य में पंचायत चुनाव की तिथियों में बदलाव और कोरोना संक्रमण को देखते हुए लिया था। 28 अप्रैल के बाद परीक्षा को आठ मई से कराने का कार्यक्रम बना, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इन्हें स्थगित कर दिया गया है।

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