उप्र : शहरी क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालयों की बदलेगी सूरत

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक विद्यालयों की सूरत बदलने के बाद सरकार शहरों में इसे लागू करने की योजना बना रही है;

Update: 2019-09-03 01:03 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक विद्यालयों की सूरत बदलने के बाद सरकार शहरों में इसे लागू करने की योजना बना रही है। नवनियुक्त बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी ने इसके लिए मुख्यमंत्री से सहमति ले ली है।

बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि शहरों में प्राथमिक विद्यालयों की खस्ता हालत को दुरुस्त कर उन्हें कानवेंट स्कूलों की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। इसके लिए नगर विकास विभाग को बेसिक शिक्षा विभाग पत्र लिखकर अवगत कराएगा।
 
सूत्र ने बताया कि कायाकल्प अभियान के तहत बिल्डिंग को चमकाने के साथ ही कक्षा में टायल्स लगवाएं जाएंगे, जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए स्कूलों को सुसज्जित किया जाएगा। शिक्षक दिवस के अवसर पर इस अभियान की शुरुआत हो सकती है। 

अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) रेणुका कुमार ने बताया, ‘‘ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग के सहयोग से इस अभियान ने तेजी पकड़ रखी है। नगरीय निकायों के पास अवस्थपना निधि में पर्याप्त धन की व्यवस्था है। नगर विकास विभाग से प्राथमिक स्कूलों के विकास के लिए अनुरोध किया जाएगा।’’

उल्लेखनीय है कि प्राथमिक विद्यालयों की सूरत बदलने का काम श्रावस्ती के जिलाधकिारी नीतीश कुमार की देखरेख में शुरू किया गया था। मार्च 2016 में श्रावस्ती पंचायत निधि से प्राथमिक स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों व पंचायत भवनों की मरम्मत करवाने का काम शुरू किया गया। इसके लिए उन्होंने कुछ प्रधानों से अनुरोध कर इस पहल को आगे बढ़ाया। लगभग 10 महीनों में जिले के 800 स्कूलों की दशा सुधर गई। 

नीतीश जब मुख्यमंत्री के विशेष सचिव बने तो उन्होंने इसका प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया और उन्होंने इसे पूरे प्रदेश में लागू करवाया। इसी योजना को प्रदेश सरकार दूर तक ले जाना चाह रही है।

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