उन्नाव की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्नाव की घटना को मानवता के लिए शर्मसार करने वाला बताया;

Update: 2021-02-18 18:39 GMT

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्नाव की घटना को मानवता के लिए शर्मसार करने वाला बताया और आज कहा कि बेटियों के लिए काल बन चुके भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में सत्ता संरक्षित नृशंस अत्याचार की एक और विचलित कर देने वाली घटना हुई है।

जंगल में पेड़ में बांधकर दो दलित लड़कियों की हत्या कर दी गयी और एक अति गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। यह अत्यंत दुःखद घटना है। इसमें संलिप्त दरिन्दों को कठोरतम सजा सुनिश्चित होनी चाहिए।

अखिलेश यादव ने कहा कि लगता है मुख्यमंत्री को कानून व्यवस्था को लेकर कोई चिंता नहीं है। उनका पूरा समय कहीं और बीत रहा है। भाजपा के कारण महिलाओं और बेटियों के लिये यूपी सबसे असुरक्षित प्रदेश बन गया है। यह सूबे की जनता के लिए डरावना संदेश है। दिन दहाड़े बलात्कार, छेड़खानी और महिला उत्पीड़न पर अंकुश लगाने में प्रदेश सरकार पूरी तरह विफल है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की महिला सुरक्षा के प्रति कोई नीति नहीं है। भाजपा की विचारधारा आधी आबादी को उपेक्षा से देखती है। महिला सम्मान और सुरक्षा की सभी व्यवस्थाओं को मौजूदा सरकार ने ध्वस्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश अब ‘हत्या प्रदेश‘ बन गया है।

उन्नाव की 3 दलित बहनों के लिए न्याय की माँग करने व सांत्वना देने के लिए सपा का प्रतिनिधिमंडल उनके परिजनों से मिला।

पहले ‘हाथरस की एक बेटी’, फिर ‘बदायूँ की एक माँ’ और अब ‘उन्नाव की बहनें’ भाजपा राज में कोई भी नारी सुरक्षित नहीं।

बहुत हुआ नारी पर अत्याचार, अबकी बार भाजपा बाहर। pic.twitter.com/cKl7d2SncI

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 18, 2021

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ के समीपवर्ती जिले उन्नाव में हुयी घटना यह साबित कर रही है कि यूपी में जंगलराज कायम हो गया है। दलित उत्पीड़न और बच्चियों के साथ लगातार हो रही घटनाओं से प्रदेश का जनमानस आक्रोशित है।

पिछले विधान सभा के भाजपा के चुनावी नारे ‘बहुत हुआ नारी पर वार‘ की सच्चाई जानना चाहती है। महिला विरोधी भाजपा सरकार प्रदेश में अविलम्ब महिलाओं की सुरक्षा से खिलवाड़ बंद नहीं हुआ तो समाजवादी पार्टी सड़क से सदन तक इसका विरोध करेगी।

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