समय के साथ विवि को पाठ्यक्रम में बदलाव करना चाहिए : प्रो. यूबी. देसाई

शारदा विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ बेसिक साइंस व रिसर्च ने इंडियन सोसाइटी ऑफ इंडस्ट्रियल एण्ड एप्लाइड गणित (सियाम) की तरफ से आईओटी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर स्मारक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया;

Update: 2018-04-04 13:36 GMT

ग्रेटर नोएडा।  शारदा विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ बेसिक साइंस व रिसर्च ने इंडियन सोसाइटी ऑफ इंडस्ट्रियल एण्ड एप्लाइड गणित (सियाम) की तरफ से आईओटी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर स्मारक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि प्रो. यू बी. देसाई निदेशक आईआईटी हैदराबाद थे।

इसके साथ प्रो.पी.मनचंदा सचिव आईएसआईएएम व प्रो. सिद्दीकी, अध्यक्ष आईएसआईएएम भी वहां मौजूद थे।  कुलपति बी. एस. पंवार ने  मेहमानों  का स्वागत किया। सबसे पहले प्रो मनचंदा ने कहा कि  किसी भी राष्ट्र का विकास गणित के आवेदन पर निर्भर करता है व विश्वविद्यालय को मंच प्रदान करना चाहिए व छात्रों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए।

इसके बाद  प्रो. सिद्दीकी ने प्रोफेसर एचपी. दीक्षित के योगदान को याद किया और कहा कि वह आधुनिक विश्लेषण के पुरुष के रूप में जाने जाएंगे। इसके बाद मुख्य अतिथि प्रो. यूबी. देसाई ने कहा कि तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है, इसलिए विश्वविद्यालय को भी अपना पाठ्यक्रम अपडेट करना होगा। 

समाज का भविष्य जैसे सेंसर, साइबर सुरक्षा, बड़ा डेटा विश्लेषण,आईओटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर करेगा। नई तकनीक पहले महंगी लगती है पर जब हम उपयोग करते है फिर उसकी कीमतें कम लगने लगती है जैसे मोबाइल की।

हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चीन से बहुत पीछे हैं और कहा की हमें उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता, उचित जागरूकता और सक्रियता की जरुरत है। स्कूल ऑफ बेसिक साइंस एण्ड रिसर्च के डीन प्रो. आरसी. सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। विभगाध्यक्ष डॉ. मुनींद्र सिंह, डॉ. खुर्शीद आलम, डॉ पीके. सिंह इत्यादि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।  

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