राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के गठन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

 वस्तु एवं सेवा कर के तहत कर की प्रभावी दर में कमी का फायदा ग्राहकों को नहीं देने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के गठन की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी;

Update: 2017-11-16 17:08 GMT

नयी दिल्ली।  वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कर की प्रभावी दर में कमी का फायदा ग्राहकों को नहीं देने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के गठन की केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज मंजूरी दे दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की यहाँ हुई बैठक के बाद विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत अब सिर्फ 50 वस्तुएँ 28 प्रतिशत के उच्चतम कर स्लैब में हैं। जीएसटी परिषद् की पिछली बैठक में 178 वस्तुओं को 28 प्रतिशत के स्लैब से निकालकर 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया था।

साथ ही कुछ अन्य वस्तुओं पर भी कर की दर घटाई गयी है। इसका लाभ ग्राहकों को मिलना सुनिश्चित करने के लिए मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है।

इस साल एक जुलाई से देश में जीएसटी लागू किया गया है। मुनाफाखोरी रोधी कानून के अनुसार, जीएसटी लागू होने से पहले किसी वस्तु या सेवा पर लगने वाले सभी करों की सम्मिलित प्रभावी दर की तुलना में यदि जीएसटी में कर की दर कम हुई है तो उसका फायदा ग्राहकों को दिया जाना है।

इससे जुड़ी शिकायतों की सुनवाई और कार्रवाई के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है। इसमें अवैध मुनाफाखोरी पर आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है।

Delhi: PM Narendra Modi arrives at BJP HQ for CEC meeting pic.twitter.com/kM2eiCGYnu

— ANI (@ANI) November 15, 2017


 

Delhi: BJP CEC meeting underway at Party HQ #GujaratElections pic.twitter.com/7VJTGCdc0k

— ANI (@ANI) November 15, 2017


 

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