मेडिकल अस्पताल में लापरवाही उजागर

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक महिला चिकित्सक की लापरवाही सामने आई है। महिला चिकित्सक गर्भवती महिला का ऑपरेशन करने की तैयारी कर रही थी;

Update: 2018-04-28 12:05 GMT

सीएमएचओ के फोन आते ही प्रसूता को ऑपरेशन कक्ष में छोड़ चली गई महिला चिकित्सक

अंबिकापुर।  मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक महिला चिकित्सक की लापरवाही सामने आई है। महिला चिकित्सक गर्भवती महिला का ऑपरेशन करने की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान सीएमएचओ के कॉल आने पर वह उसे ऑपरेशन थियेटर में ही छोड़कर चली गई।

महिला का पति डॉक्टर के हाथ-पैर जोड़ता रहा लेकिन इसका कोई असर उस पर नहीं पड़ा। डॉक्टर सीएमएचओ के कॉल पर उदयपुर जाने का हवाला देकर वहां से चली गई। इधर महिला का पति उसे गंभीर हालत में लेकर तत्काल पा्रइवेट अस्पताल पहुंचा।

फिर यहां महिला ने बच्ची को जन्म दिया लेकिन समय पर डिलीवरी नहीं होने के कारण उसने पेट में ही गंदा पानी पी लिया था। इससे उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। मैनपाट के कमलेश्वरपुर निवासी प्रदीप प्रसाद की पत्नी 23 वर्षीय मधुबाला गर्भवती थी। उसकी प्रारंभिक जांच कमलेश्वरपुर स्वास्थ्य केन्द्र में चल रही थी।

फरवरी माह में प्रदीप ने पत्नी का चेकअप मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक डा. किरण भजगावली से निजी क्लिीनक में कराया था।

इस दौरान डॉक्टर ने अपै्रल में डिलीवरी का समय दिया था। 20 अपै्रल को प्रदीप ने प्राइवेट में ही डॉ. किरण भजगावली से पत्नी का चेकअप कराया। डॉक्टर सोनोग्राफी कराने के लिए बोली। सोनोग्राफी रिपोर्ट में बच्चे की नाल गर्दन में फंसी थी। इस पर डॉक्टर ने उसे ऑपरेशन कराने की सलाह दी।

इस दौरान डॉक्टर ने कहा कि उनके निजी क्लिीनिक में ऑपरेशन करने का साधन नहीं है। इसलिए वे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही डिलीवरी करा देंगीं। 23 अपै्रल को प्रदीप पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा।

 इस दौरान डॉक्टर किरण भजगावली गर्भवती का ऑपरेशन करने की तैयारी कर रही थी। ऑपरेशन से पूर्व जो भी प्रक्रिया थी, सभी पूर्ण कर ली गई थी। ऑपरेशन के लिए महिला को ऑपरेशन कक्ष में लेटा भी दिया गया था। इस दौरान डॉक्टर के मोबाइल पर सीएमएचओ का उदयपुर अस्पताल जाने का कॉल आया।

इसके बाद वे बिना महिला को ऑपरेशन थियटर में ही छोड़कर चली गईं। प्राइवेट अस्पताल में हुआ ऑपरेशन डॉक्टर द्वारा छोड़कर चले जाने के बाद महिला का पति उसे उसी हालत में प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचा। इस दौरान लगभग दो बज चुके थे। प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन की तैयारी करते-करते चार बज चुका था।

चार बजे महिला ने बच्ची को जन्म दिया। जन्म के बाद बच्ची की स्थिति नाजुक बनी हुई है। उसे इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में एसएनसीयू में रखा गया है। इस दौरान चिकित्सक ने बताया कि समय पर डिलीवरी नहीं होने के कारण बच्ची पेट में ही गंदा पानी पी लिया है। वहीं महिला की भी स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। डॉक्टर के हाथ-पैर जोड़ता रहा पति बिना ऑपरेशन किए ही डॉक्टर कक्ष से बाहर निकल कर जाने लगी तो उसके पति ने पूछा की मैडम क्यों जा रहीं हैं। 
इस पर डॉक्टर ने बताया कि सीएमएचओ का उदयपुर अस्पताल जाने का कॉल आया है। मैं उदयपुर जा रही हूं। इस दौरान महिला का पति डॉक्टर का हाथ-पैर जोड़ता रहा। फिर भी डॉक्टर बिना ऑपरेशन किए ही उदयपुर के लिए निकल गईं। 

गायनेकोलॉजिस्ट की नहीं है व्यवस्था उदयपुर व सीतापुर स्वास्थ्य केन्द्र में गायनेकोलॉजिस्ट नहीं हैं। यहां एफआरयू की सुविधा शुरू कर दी गई है। ऐसे में जरूरत पडऩे पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से ही गायनेकोलॉजिस्ट को भेजा जाता है। उदयपुर व सीतापुर के एफआरयू में हर महीने पांच प्रसव कराने का टारगेट दिया गया है।

बुधवार को भी उदयपुर जाने के लिए सीएमएचओ का कॉल महिला चिकित्सक को आया था। मुझे नहीं पता था कि महिला का होने वाला है ऑपरेशन
दूसरे डाक्टर को दी थी जिम्मेदारी

मैंने महिला चिकित्सक को उदयपुर जाने के लिए कॉल किया था, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि ऑपरेशन थियेटर में हैं और किसी महिला का ऑपरेशन करना है। एनके पांडेय, सीएमएचओ दूसरे डॉक्टर को दिया था जिम्मा मैं महिला को छोड़कर नहीं गई थी किसी दूसरे डॉक्टर को जिम्मा देकर गई थी। सीएमएचओ का फोन आने पर उदयपुर अस्पताल गई थी। 

डा. किरण भजगावली, चिकित्सक
 

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