करोड़ों की जमीन को सस्ते में दिलाने का झांसा देने वाले दो इंजीनियर गिरफ्तार
नोएडा, ग्रेटर नोएडा में करोड़ों की जमीन को सस्ते में दिलाने का झांसा देकर हजारों लोगों से ठगी करने का मामला सामने आया है;
नोएडा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में करोड़ों की जमीन को सस्ते में दिलाने का झांसा देकर हजारों लोगों से ठगी करने का मामला सामने आया है। इस मामले में नोएडा पुलिस ने 2 इंजीनियरों को गिरफ्तार किया। इस गैंग के मेंबर प्रॉपर्टी के लिए ऑनलाइन सर्च करने वाले लोगों का डाटा खरीदकर 1 करोड़ तक की जमीन को भी 50 से 70 लाख रुपए में बताकर टोकन मनी के तौर पर 1 लाख रुपए तक ले लेते थे। इसके बाद अपना नंबर बंद कर लेते थे।
जालसाज खुद ही किसी खाली प्लॉट का मालिक बता देते थे व एसडीएम से लेकर सरकारी अधिकारियों की फर्जी मुहर के जरिए फर्जी कागजात दिखा देते थे। इस गैंग के 4 साथी अभी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है। सीओ प्रथम अवनीश कुमार ने बताया कि थाना सेक्टर-20 पुलिस ने दो जालसाजों को शनिवार रात में सेक्टर-18 से गिरफ्तार किया।
इनके नाम अनुभव श्रीवास्तव व अमित कुमार पटेल हैं। अनुभव (27) आगरा के साईं नाथ कॉलेज से बीटेक है वहीं अमित (25) राजस्थान से मैकेनिकल में डिप्लोमा किया हुआ है। ये अपने गैंग के साथ दिल्ली के जगदंबा विहार में डायमंड सिटी नाम से एक ऑफिस चला रहे थे। इनके गैंग का लीडर प्रकाश है जबकि फरार अन्य साथी कुणाल, गौरव व अखिलेश हैं।
इंजीनियरिंग कर चुके दोनों जालसाज अलग-अलग प्रॉपर्टी से जुड़ी वेबसाइटों पर जमीन तलाशने वाले लोगों का डाटा खरीद लेते थे। इसके अलावा कई जगहों से तो डाटा चुराकर मंगा लेते थे। इसके बाद प्रॉपर्टी खरीदने वाले शख्स से खुद ही फोन पर बात करते थे। उन्हें नोएडा, ग्रेटर नोएडा के किसी खाली प्लॉट के मालिक से सीधे मार्केट रेट से कम कीमत में दिलाने का लालच देते थे।
खरीदार के कहने पर किसी नोएडा के किसी स्थान पर मुलाकात भी करा देते थे और मौके पर जाकर खाली प्लॉट भी दिखा देते थे।
इस दौरान गैंग के 6 मेंबर्स में ही कोई एक मालिक व उसका रिश्तेदार बन जाता था। जो मालिक बनता था वो सोने की चेन व कीमती कपड़े पहनता था जिससे शक न हो। इसके बाद अगर खरीदार जमीन के कागज मांगता था तब उसे फर्जी मुहर लगी कागज को दिखाकर झांसे में ले लेते थे।
ऐसे जीतते थे भरोसा रू टोकन मनी लेने के बाद फर्जी चेक भी दे देते थे
जालसाज जब किसी प्रॉपर्टी की डील फाइनल कर लेते थे तब 50 हजार या फिर 1 लाख रुपए ही टोकन मनी के तौर पर लेते थे। खरीदार का भरोसा जीतने के लिए यह कहकर एक फर्जी चेक भी दे देते थे कि अगर उन्हें ये डील पसंद नहीं आई तो चेक से आप अपने पैसे वापस ले सकते हैं। जिस बैंक का चेक देते थे उसमें पैसा नहीं रखते थे। यह देखकर खरीदार आसानी से इन पर भरोसा कर लेता था।
किसी एक प्रॉपर्टी को कई लोगों को बेचने का झांसा देकर 5.6 महीने बाद ये जालसाज अपना नंबर बंद कर लेते थे। इसके अलावा ऑफिस का पता भी बदल देते थे।
2015 में कंपनी को घाटा हुआ तो शुरू कर दी धोखाधड़ी
सीओ अवनीश कुमार ने बताया कि आरोपी जालसाज अनुभव श्रीवास्तव 2015 से पहले तक नोएडा में दो अलग.अलग कंपनी शुरू की थी। हालांकिए दोनों कंपनियों में इसे घाटा हो गया था। इसके बाद वह मुख्य जालसाज प्रकाश के संपर्क में आया और प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर ठगी शुरू कर दी। ये जालसाज अब तक 30 से ज्यादा स्थानों पर अपना ऑफिस बदल चुके हैं।