टि्वन टावर मलबा निस्तारण फिर शुरू : ग्रेप की वजह से था बंद, 80 हजार मिट्रिक टन है मलबा
ग्रेप 4 की पाबंदियां हटने के साथ ही टि्वन टावर के मलबे का निस्तारण फिर शुरु कर दिया गया है;
नोएडा। ग्रेप 4 की पाबंदियां हटने के साथ ही टि्वन टावर के मलबे का निस्तारण फिर शुरु कर दिया गया है। यहां 100 से ज्यादा कामगर और 9 जेसीबी लगाकर काम शुरू किया गया है। इसका निस्तारण नवंबर तक पूरा होना था। इसमें थोड़ी देरी होगी। विगत 8 नवंबर से काम बंद था। जब काम बंद किया गया था उस समय साइट पर 235 मजदूर काम कर रहे थे। इनको वापस बुलाया जा रहा है।
ट्विन टावर के मलबे को ग्रीन नेट से ढक दिया गया है, ताकि धूल न उडे़। मशीनों को वापस काम पर लगा दिया गया है। धूल न उड़े इसके लिए स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकल का प्रयोग लगातार किया जा रहा है। अलग किए गए मलबे को ट्रक के जरिए निस्तारण प्वाइंट तक ले जाया जा रहा है। यहां भी एनजीटी के नियमों का पालन किया जा रहा है।
नोएडा सेक्टर-93ए में बने सुपरटेक ट्विन टावर को 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुरक्षित तरीके से ब्लास्ट करके गिरा दिया गया था। इस दौरान करीब 80 हजार मीट्रिक टन मलबा निकला था। बता दे एडफिस इंजीनियरिंग को 50 मीटर लंबी, नौ मीटर चौड़ी, चार मीटर गहरा एक पैसेज बनाना है। इसके लिए 45 हजार मीट्रिक टन मलबा प्रयोग किया जाएगा। हालांकि इसका काम भी रोक दिया गया था।
लेकिन इसे भी प्राथमिकता के आधार पर बनाया जाएगा। दरअसल टि्वन टावर के मलबे को हटाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग को तीन महीने का समय दिया गया है। इसमें 15 दिन का समय अथॉरिटी से एनओसी न मिल पाने के कारण यूं ही बर्बाद हो गया था। अब नवंबर में प्रदूषण के चलते 12 से 13 दिन काम बंद रहा। इससे यहां से मलबा जल्द साफ होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
सुपरवाइजर ने बताया कि अब तक इस साइट से 25 ट्रक यानी लगभग 510 मीट्रिक टन लोहे का स्क्रैप हटाया जा चुका है, जबकि 5340 मिट्रिक टन कंक्रीट और मलबा 267 ट्रकों में लाद कर हटाया गया है।