फोरलेन पुल निर्माण की कछुआ चाल समय पर तैयार होना मुश्किल
न्यायधानी के सरकंडा में बने सबसे पुराने और सकरे पुल पर यातायात के अत्यधिक दबाव के कारण आम नागरिकों को आवागमन में हो रही कठिनाई और परेशानी को देखते हुए रेलयात्री सुविधा संघर्ष समिति के अध्यक्ष;
बिलासपुर। न्यायधानी के सरकंडा में बने सबसे पुराने और सकरे पुल पर यातायात के अत्यधिक दबाव के कारण आम नागरिकों को आवागमन में हो रही कठिनाई और परेशानी को देखते हुए रेलयात्री सुविधा संघर्ष समिति के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता किशोरी लाल गुप्ता द्वारा जनहित में यहां पर फोरलेन पुल निर्माण की मांग की गई जिस पर शासन द्वारा संज्ञान लेकर सरकंडा के पुराने पुल के पास फोरलेन पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर 20 मार्च को कार्य आदेश ठेकेदार को दिया गया जिसमें सरकंडा फोरलेन पुल निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय सीमा 19.05.2019 25 माह निर्धारित की गई है।
फोरलेन पुल निर्माण के काम की शुरूआत ठेकेदार द्वारा करते हुए लोहे के राड टीन की मोटी चादरें डम्प कर लोहे की राड की जाली तथा टीन के चादरों का घेरा बनाकर पूरे नदी में पुराने पुल के एक छोर से दूसरे छोर तक जगह-जगह रखने के साथ ही वेल्डिंग मशीन और दूसरे मशीन को भी यहां वहां खड़ा कर दिया जिससे सभी को लगा कि सरकंडा के पुराने पुल के पास बनने वाले फोरलेन पुल का काम जोर शोर से शुरू हो गया है और जल्दी ही फोरलेन पुल की सुविधा मिल जाएगी।
परंतु फोरलेन पुल निर्माण के काम की वास्तविक गति अत्यंत धीमी रही थोड़े से कुशल श्रमिक और एक मेट मशीन जो अधिकतर बिगड़ते रहती है से पायलिंग का कार्य किये जाने के कारण फोरलेन पुल का कार्य शुरू हुए 1 माह पूरे होने के बाद 96 पायलिंग में से मात्र 20-21 पाईल का कार्य ही हो पाया है। इसमें सभी केवल 14 पाईल का ही ढलाई हो पाई है। पाइल में चट्टान नहीं कट रहा है कहकर ठेकेदार द्वारा काम रोक दिया गया है और निर्धारित मापदंड पूरा किये बिना ही चट्टान निश्चित नाप तक काटे बिना ही अध्ािकारियों से बार-बार पाइल को ढलाई की स्वीकृति पर जोर दिया जा रहा है।
इस प्रकार सरकंडा फोरलेन पुल निर्माण की गति इतनी धीमी है कि निर्माण की निर्धारित समय सीमा 25 माह के स्थान पर 50 माह में 4 वर्ष से भी अधिक समय सरकंडा फोरलेन पुल का निर्माण पूरा नहीं होगा। फोरलेन पुल की सुविधा नहीं मिल पायेगी और नागरिकों को तब तक लंबे समय तक यातायात का दबाव और आवागमन की कठिनाई परेशानी झेलने विवश होना पड़ेगा और इसके साथ ही पुल निर्माण की लागत भी बढ़ जाएगी अनावश्यक धनराशि खर्च होगी जो कदापि नहीं होना चाहिए।
रेल यात्री सुविधा संघर्ष समिति बिलासपुर के अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता किशोरीलाल गुप्ता, वरिष्ठ सदस्य रविन्द्र सिंग, शिवा मिश्रा, प्रोफेसर डा.तरू तिवारी, अधिवक्ता गणेश रजक, शैलेन्द्र गुप्ता, शिवा मुदलियार, चंद्रहास शर्मा, जसबीर गुम्बर, बब्बन राम खैरवार, राजा गुप्ता, मनोज शुक्ला, राजू खटिक, मल्लू पंत, गनपत महंत, रंजीत सिंह खण्डूजा, सचिन, सावन, संगीत मोईत्रा,मोती थावरानी, मो.रफीक, उपेन्द्र, विजेन्द्र अनुराग, शैल गुप्ता, योगेश चितले, आदि ने न्यायाधानी बिलासपुर सरकंडा के पुराने पुल के पास बन रहे फोरलेन पुल निर्माण की अत्यंत धीमी गति के कारण निर्माण हो रहे अनावश्यक अभियनता सेतु मण्डल रायगढ़, कार्यपालन अभियंता सेतू संभाग से नियमानुसार ठेकेदार पर बड़ी पेनाल्टी लगाने की मांग करने के साथ ही फोरलेन पुल निर्माण गति बढ़ाने 3 मेंट मशीन के साथ आवश्यक दूसरी मशीनों और कुशल श्रमिकों की संख्या बढ़ा कर पूरी गुणवत्ता और निर्धारित मापदंड के साथ समय सीमा में फोरलेन पुल निर्माण पुरा करने के लिए ठेकेदार को पुन: आदेशित करने की भी मांग की है।