आज सुलह की उम्मीद के साथ किसान और सरकार के बीच होगी अहम बैठक, आंदोलन जारी

राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 50 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों की वार्ता आज एक बार फिर से सरकार के साथ है;

Update: 2021-01-15 10:51 GMT

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 50 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों की वार्ता आज एक बार फिर से सरकार के साथ है। जी हां आज 12 बजे एक बार फिर से विज्ञान भवन में किसान और सरकार के बीच वार्ता होगी। खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा चुका है लेकिन किसान अपनी मांग को ही बुलंद कर रहे हैं। आज एक बार फिर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे और किसान नेता अपना पक्ष रखेंगे।

दरअसल किसानों ने पहले दिन से केंद्र सरकार द्वारा लाए तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। इस मांग को लेकर ही उन्होंने अपना घर बार छोड़कर राजधानी दिल्ली की ओर कूच किया था। सरकार ने पहले बल से किसानों को रोकने का प्रयास किया और फिर कानूनी प्रक्रिया से। जब फिर भी बात नहीं बनी तो आखिरकार सुप्रीम कोर्ट सामने आया। अब भले ही कोर्ट ने इन कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी हो लेकिन किसान ये साफ जानते हैं कि जैसे चीजें शान्त होती है वैसे सरकार एक बार फिर से उन पर ये कानून थोप देगी। अपने भविष्य को जानते हुए ही किसानों ने साफ कहा था कि हम सिर्फ इतना चाहतें है कि ये कानून वापस ले लिए जाए बाकि हमें न कमेटी चाहिए और न ही कानून पर रोक।

सिंघु बॉर्डर से लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। आज होने वाली इस बैठक से कोई खास निष्कर्ष निकलने की उम्मीद तो दिख नहीं रही है लेकिन किसानों को उम्मीद हैं कि देश की सरकार देश के अन्नदाताओं की समस्या का समाधान करेगी।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी भी बनाई है जिसमे से एक सदस्य ने कमेटी छोड़ भी दी है। जी हां किसान नेता भूपिंदर सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी से खुद को अलग कर लिया है। कृषि कानून को लेकर किसान और सरकार के बीच गतिरोध जारी है। सुप्रीम कोर्ट के कमेटी वाले फैसले पर भी किसान संगठन संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं और अब देखना होगा कि आज होने वाली इस बैठक में क्या नतीजा निकलता है।

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