सुषमा स्वराज माइक पोम्पियो के बीच द्विपक्षीय बैठक
भारत-अमेरिका के विदेश अौर रक्षा मंत्रियों की ‘टू प्लस टू’ बैठक के पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आज यहां द्विपक्षीय बैठक में आव्रजन सहित परस्पर हितों से;
नयी दिल्ली। भारत-अमेरिका के विदेश अौर रक्षा मंत्रियों की ‘टू प्लस टू’ बैठक के पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आज यहां द्विपक्षीय बैठक में आव्रजन सहित परस्पर हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार -विमर्श किया।
1+1 before 2+2! EAM @SushmaSwaraj had a productive meeting with United States Secretary of State @SecPompeo. Two sides took stock of impressive strides in our bilateral relationship and discussed steps to take our relationship to an even higher trajectory. pic.twitter.com/Z3UL5wwYjC
पोम्पियो का जवाहरलाल नेहरू भवन पहुंचने पर स्वराज ने स्वागत किया और उसके बाद द्विपक्षीय बैठक शुरू हुई। बैठक में विदेश सचिव विजय गोखले और अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना भी उपस्थित थे।
Elevating and strengthening our strategic partnership! EAM @SushmaSwaraj welcomed US Secretary of State @SecPompeo ahead of bilateral talks. pic.twitter.com/93zrT2tdAD
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भारत द्वारा मुख्य रूप से एच1बी वीसा को लेकर अमेरिकी प्रशासन की नीति और उसे लेकर भारतीय पेशेवरों में चिंता को उठाये जाने की संभावना है। अमेरिका से हालांकि संकेत मिले हैं कि इस नीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। लेकिन भारत चाहता है कि इस बारे में इतनी स्पष्टता अवश्य आये कि आगे भी इस नीति को लेकर कोई भ्रम नहीं पैदा हो। सूत्रों के बताया कि अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर भी दोनों पक्षों ने विचार-विमर्श किया।
बैठक के तुरंत बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के शामिल होने के साथ टू प्लस टू बैठक शुरू हो जाएगी। बैठक में भारत ,अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी वाले नवान्वेषण एवं व्यापार का रास्ता खुलने तथा हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को समावेशी, सुरक्षित, शांतिपूर्ण एवं सबके लिए समान रूप से खुला बनाने के नये रोडमैप पर चर्चा होने की संभावना है।
भारत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को समावेशी, सुरक्षित, शांतिपूर्ण एवं सबके लिए समान रूप से खुले क्षेत्र के रूप में देखना चाहता है। इसके अलावा आतंकवाद निरोधक कार्रवाई, ऊर्जा सुरक्षा और सामरिक साझीदारी पर बातचीत होने की संभावना है।