'टीपू सुल्तान का चित्र हटाने का सवाल ही नहीं'

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने आज दो टूक कहा कि विधानसभा की गैलरी में जो क्रांतिकारियों की तस्वीरें लगी हैं, उसमें से टीपू सुल्तान की तस्वीर को नहीं हटाया जाएगा;

Update: 2018-02-01 14:49 GMT

नई दिल्ली।  दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने आज दो टूक कहा कि विधानसभा की गैलरी में जो क्रांतिकारियों की तस्वीरें लगी हैं, उसमें से टीपू सुल्तान की तस्वीर को नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 70 तस्वीरें लगी हैं। 

विधानसभा की सामान्य प्रयोजन समिति ने इन चित्रों की अनुशंसा की है। कोई भी चित्र इस समिति को संज्ञान में लिए बगैर नहीं लगती है। कल बिहार विधानसभा की कमिटी यहां आई थी, हमने तिलका मांझी और बटुकेश्वर दत्त की तस्वीर लगाई है।  गोयल ने कहा कि इस विधानसभा को गौरव प्राप्त है। इसमें पहले संसद चलता था, तो क्या यहां हम उन क्रांतिकारियों की तस्वीर नहीं लगा सकते। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रयोजन समिति में नौ सदस्य हैं, लेकिन इसमें विपक्षी दल का कोई सदस्य नहीं है, लेकिन विपक्ष को पूरी सूची जरूर दी गई थी। उन्होंने दोहराया कि तस्वीर बदलने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

संविधान में तात्या टोपे को जगह मिली है चैप्टर 16 पेज 144 में इसका जिक्रहै। रानी झांसी के साथ टीपू सुल्तान का जिक्र है, या तो भारतीय संविधान के निर्माता गलत थे या फिर आज जो सवाल उठा रहे हैं वह गलत हैं। गोयल ने याद दिलाया कि 25 अक्टूबर के दिन राष्ट्रपति कर्नाटक गए थे, उस अभिभाषण में भी रामनाथ कोविंद ने टीपू सुल्तान का जिक्र किया है। उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भाजपा की आदत हो गई है सवाल खड़े करने की, ये दो मुहे सांप जैसी बातें करते हैं और राष्ट्रपति के अभिभाषण से सीख लें।

फिलहाल इस चित्र को हटाए जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ व्याख्या में भ्रम था उसे सही करके फिर लगाया जाएगा। उन्होंने विरोधियों से सीधे कहा यदि कोई असंवैधानिक कदम उठाता है तो इसका नतीजा भुकतेगा। दूसरी ओर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दिल्ली विधानसभा गैलरी में अखंड कीर्तनी जत्थे के संस्थापक भाई रणधीर सिंह की तस्वीर लगाने की मांग की है।

 कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को भेजे पत्र की जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि भाई रणधीर सिंह ने अंग्रेजी हकूमत को चुनौती देने वाले गदरी बाबों का साथ देने के साथ ही गुरुद्वारा प्रबंध सुधार लहर को खड़ा करने में अह्म भूमिका निभाई थी। 
 

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