ठगी का महाजाल, दस गिरफ्तार, लाखों लोगों को बनाया शिकार
ऑनलाइन शापिंग, लाइफ, जनरल इंश्यारेंस के नाम पर प्रलोभन देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 105 लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया;
नोएडा। ऑनलाइन शापिंग, लाइफ, जनरल इंश्यारेंस के नाम पर प्रलोभन देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 105 लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया। यह हजारों लोगों को ठगी का शिकार बना चुके है। गिरफ्तार किए गए 105 में से 95 अभियुक्तों को मुचलके पर रिहा कर दिया गया वहीं, 10 अभियुक्तों को हिरासत में लिया गया है। इनके पास से 53 मोबाइल, 12 कंप्यूटर, 11 वाकी टाकी के अलावा दो लाख प्वाइंट डाटा जब्त किया गया है।
एसटीएफ एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि 16 मार्च को अभिषेक सिंह द्विवेदी पुत्र वाईके द्विवेदी, असिस्टेंट मैनेजर एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेन्स निवासी 12 ग्राउण्ड फ्लोर अम्बादीप बिल्डिग कस्तूरबा गांधी मार्ग, कनाट प्लेस नई दिल्ली की सूचना पर धोखाधड़ी के संबंध में थाना साइबर क्राइम में मामला दर्ज किया गया। अभिषेक सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ लखनऊ द्वारा निर्देश दिए गए। जिसके अनुपालन में त्रिवेणी सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक प्रभारी थाना साईबर क्राइम नोएडा द्वारा अपने निर्देशन में टीम गठित कर कार्यवाही प्रारंभ की गई।
टीम द्वारा दिल्ली व नोएडा में कई स्थानों पर चल रहे काल सेंटरों पर छापेमारी की गई। गिरफ्तार अभियुक्तगण से पूछताछ के उपरान्त 95 व्यक्तियों को मुचलके पर रिहा किया गया। साथ ही 10 अभियुक्तों को पुलिस हिरासत में लिया गया। यह लोगों विभिन्न कंपनियों के नाम पर फर्जी एकाउन्ट खोल कर, फर्जी तरीके से मोबाइल सिम प्राप्त करके कस्टमर को फोन करके उनको इंश्योरेन्स के नाम पर अधिक बोनस देने व ई-कॉमर्स के माध्यम से मोबाइल खरीदने पर 50 से 70 प्रतिशत का डिस्काउन्ट का लालच दिया जाता है।
अवैध रूप से चलाए जा रहे थे काल सेंटर
गिरोह के द्वारा अवैध रूप से कई कॉल सेंटर चलाए जा रहें थे। इन कॉल सेंटरों के मालिक व डेटा वेन्डर, कंपनिया का डेटा चुराकर बेचने का काम करते थे। इस गिरोह का जाल दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, एनसीआर क्षेत्र में फैला हुआ है। गिरफ्तार अभियुक्त गण की अन्य आपराधिक गतिविधियों के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है।
प्राप्त डेटा का फारेन्सिंक आडिट कराया जायेगा। डेटा ब्रीच कहॉ से हुआ है, इसकी जानकारी की जा रही है। कंपनियों का डेटा हैंकिंग या किसी कर्मचारी के माध्यम से प्राप्त हुआ है, इस सम्बन्ध में जांच की जा रही है।
दो लाख कस्टमर का मिला डाटा
अभियुक्त के कंप्यूटर खंगालने पर दो लाख कस्टमर डेटा प्राप्त हुआ है। सभी को एसएमएस एवं अन्य माध्यमों से सूचना देकर जानकारी प्राप्त की जा रही है कि उनके साथ किस प्रकार की धोखाधड़ी हुई है। फर्जी बैंक एकाउन्ट किस प्रकार से खोले गए। बैंक कर्मियों की मिलीभगत के सम्बन्ध में भी जॉच की जा रही है। बैंक का एकाउन्ट डिटेल प्राप्त करके कुल धोखाधडी के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है।
इसके अतिरिक्त इन्श्योरेन्स एवं ई-कॉमर्स कम्पनी के इन्फारमेशन सिक्योरिटी पॉलिसी/आडिट की विधिवत जॉच की जायेगी ताकि डाटा ब्रीच कहां से हुआ है, इसकी जानकारी प्राप्त हो सके। इस गिरोह का पदार्फाश कराने में बजाज एलियांज, आईसीआईसीआई, प्रुडेन्शियल लाइफ इन्श्यारेन्स एवं एचडीएफसी अग्रो एवं पेटीएम कम्पनियों के अधिकारियों/कर्मचारियो की अहम भूमिका रही है।