ये चुनाव लोकतंत्र और संविधान बचाने का है : खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, पहले चरण में हम आगे थे, दूसरे दौर में भी आगे रहेंगे;
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सियासत में एक लंबा सफर तय किया है। राजनीति में शानदार पांच दशक से भी अधिक का लंबा सफर और आज भी अनवरत ये सफर जारी है।
चुनावी वक्त में 80 की उम्र में, बल्कि 83 साल लगभग और इस उम्र में भी लगातार चुनावी प्रचार में वे सक्रिय हैं और इनके ऊपर एक सबसे बड़ी जिम्मेदारी कांग्रेस को मजबूत करना और कांग्रेस को सत्ता में लौटाना है। इसीलिए इनकी तरफ वो मतदाता जरूर देख रहा है जो चाहता है कि सत्ता परिवर्तन हो। मल्लिकार्जुन खड़गे से चुनाव के माहौल, कांग्रेस की रणनीति, संविधान बचाने का सवाल, भाजपा की विपक्षी दलों पर दबाव की रणनीति, ऐसे अनेक मुद्दों पर देशबन्धु के मुख्य संपादक राजीव रंजन श्रीवास्तव ने लंबी चर्चा की, पेश है उस चर्चा के चुनिंदा अंश
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सवाल :- खड़गे साहब आपसे पहला सवाल, चुनाव का वक्त है, अभी से दो महीने पहले आपने एक भाषण दिया था, उस भाषण में आपने कहा था, अपने कार्यकर्ताओं को कि इस चुनाव में डटकर लगो, नहीं तो ये आखिरी चुनाव होगा। क्या मतलब था, और क्या मकसद था ये कहने का?
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जवाब :- मतलब ये था कि एक तो हमारे कार्यकर्ताओं को उत्साहित करना। दूसरा मकसद ये था कि जो आज बीजेपी की सरकार, मोदी साहब की सरकार जो कदम उठा रही है, और लोगों को तंग कर रही है, नेताओं को सता रही है। लेवल प्लेइंग ग्राउंड वो देना नहीं चाहते। और अगर कोई हमारी पार्टी की मदद भी करना चाहता है, उसको रोकने की पूरी कोशिश हो रही है। आज भी ये यही कोशिश कर रहे हैं कि कोई कांग्रेस पार्टी को चंदा नहीं दे, हमारी मदद न करे। तो हम चाहते हैं कि भाई जब लेवल प्लेइंग ग्राउंड किसी डेमोक्रेसी में नहीं है, तो बड़ी मुश्किल ये होती है कि फ्री एंड फेयर इलेक्शन नहीं होते। डेमोक्रेसी को आहिस्ता आहिस्ता वो खत्म करना चाहते हैं और ऑटोक्रेटिक रूल बनाकर डिक्टेटरशिप के जैसे वो अपनी हुकूमत को चलाना चाहते हैं। इसलिए मैंने लोगों को ये कहा ये देखो ये आखरी चांस है इनको सबक सिखाने का। अगर इनको सत्ता में आने से रोक दिए तो निश्चित तौर पर डेमोक्रेसी भी बचेगी और संविधान भी बचेगा। क्योंकि बड़े कष्ट के साथ संविधान गरीबों को मिला है।बड़े मुश्किल से हमने आजादी हासिल की है और जिसको पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल से देश चलाने के लिए खूब बढ़ाया और गाँधीजी का जो उसूल है कि जो कुछ भी हम करेंगे शांति के मार्ग से ही करेंगे और देश को भी आजादी उन्होंने ऐसा ही दिलायी कि देश आजाद होगा, लेकिन मारपीट से, खून खराबे से नहीं होगा हमारा एक ट्रैक रिकॉर्ड है कि सबको समान दृष्टि से राजनैतिक तौर पर हम लेकर चलते हैं। लेकिन मोदी जी ये नहीं चाहते। वे किसी को, कुछ भी बोल देते हैं। कोई अगर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ़ या गाँधी परिवार के खिलाफ़ बोला तो उसको समर्थन देते हैं। यहाँ तक कि देश के संविधान को भी तोड़ने का काम चल रहा है। उनकी पार्टी के लोग हमेशा ये कहते है तुम हमको दो तिहाई बहुमत दो, हम आपको संविधान बदल के देंगे। मोदी खुद तो ये कहते हैं कि बाबा साहब अंबेडकर अगर आए तो भी हम संविधान बदलने वाले नहीं हैं, लेकिन उनकी पार्टी के नेता कुछ और ही कहते हैं
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सवाल :- तो क्या लगता है कि यहाँ पर मोदी फंस गए? जब संविधान बदलने की बात उनके ही लोग कह रहे हैं और इनको अब ये वक्तव्य देना पड़ रहा है कि चाहे बाबा साहब आ जाए वो भी नहीं बदल सकते हैं और क्या यहीं से चुनाव में ये एक मुद्दा बन गया है? क्या यहां नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी फंसी हुई दिखाई देती है?
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जवाब :- ये दो-तीन मुद्दे मेरे लिए नहीं, 140 करोड़ जनता के लिए महत्वपूर्ण हैं। पहला है लोकतंत्र बचाना। दूसरा है संविधान बचाना। लोगों को इसका महत्त्व भी मालूम नहीं हुआ। आजादी के पहले कोई वोट मांगता नहीं था और कोई वोट के लिए कोशिश भी नहीं करता था। पहले किसी के पास राजनैतिक शक्ति नहीं थी, लेकिन फिर संविधान के तहत सभी को वोटिंग का अधिकार मिला तब सभी लोग महसूस करने लगे कि भाई एक बहुत बड़ा हथियार है इसको हम बड़े संभाल कर इस्तेमाल करेंगे। तो संविधान और डेमोक्रेसी हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। अब आई बात तीसरे मुद्दे की, आदमी को जीने के लिए काम चाहिए, और मोदी खुद किसी को काम नहीं दे रहे हैं। पहले तो उन्होंने कहा कि दो लाख नौकरियां दूंगा, लेकिन नहीं दी। उन्होंने कहा 15 लाख दूंगा, नहीं मिले। उन्होंने कहा किसानों की आमदनी दोगुनी करूँगा, वो भी नहीं हुआ। यानी मोदी जी की जो गारन्टी है वो नहीं देने की गारन्टी है। मोदी खुद बोलते हैं ये मोदी की गारंटी है, मोदी है तो मुमकिन है। मोदी की 56 इंच छाती के सामने कोई इसको रोक नहीं सकता। ये मैं-मैं बोलने वाला शब्द डेमोक्रेसी में अच्छा नहीं लगता क्योंकि डेमोक्रेसी में पार्टी के विचार और एजेंडा होते हैं। मोदीजी के लिए बेरोजगारी और महंगाई कोई मुद्दा नहीं है। लोग खाने के लिए तरस रहे और उनकी आमदनी भी घट रही है, हो सकता है चंद लोग खुश होंगे जिनके लिए कुछ मिला होगा। लेकिन बाकी लोग कष्ट में हैं।
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सवाल :- अभी भाजपा का जो संकल्प पत्र आया है उसके हर पेज पर मोदी की गारन्टी है। आपका भी न्याय पत्र आया और जहाँ तक मुझे ध्यान है कि आपने घोषणापत्र की कमिटी पहले बना ली थी और जैसे ही चुनाव की घोषणा हुई 5 अप्रैल को आपने उसको लॉन्च कर दिया। कांग्रेस का मैनिफेस्टो लॉन्च होने के बाद से ही सुर्खियां बटोर रहा है। नरेंद्र मोदी पहले मुस्लिम लीग से शुरू हुए, फिर मंगलसूत्र तक पहुंचे, उसके बाद कांग्रेस आरक्षण खत्म कर देगी, संविधान खत्म कर देगी जैसे बातें कर रहे हैं। आखिर क्या कुछ इसमें लिखा है कि इतनी सुर्खियां आपका मैनिफेस्टो बटोर रहा है? आपने तो मोदी से समय भी मांगा हैं मेनिफेस्टों पर चर्चा करने के लिए
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जवाब :- मैंने ये कहा था कि अगर कुछ उनको समस्या है अगर वो किसी मुद्दे पर अगर स्पष्टीकरण चाहते हैं तो मैं उन्हें समझा सकता हूं, चैलेंज करने के लिए या नीचा दिखाने के लिए नहीं किया। वो प्रधानमंत्री हैं, लेकिन हम ये चाहते हैं भाई गलतफहमी मत फैलाओ, लोगों को भ्रमित मत करो। बार-बार ये कहना कि ये लोग जनगणना कर रहे हैं, तो, आपके घर में अलमारी को देखेंगे। आपके घर में घुसेंगे आपका सोना कितना है, चांदी कितना है? वो कितना है? ऐसा थोड़ी कोई करता है।
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सवाल :- विरासत टैक्स, इनहेरिटेंस टैक्स की बात।
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जवाब :- देखो वो मुद्दा हमारा नहीं है, हमारे इलेक्शन मैनिफेस्टो में भी नहीं है तो आप जो बात मैनिफेस्टो में नहीं है, उसे क्यों कह रहे हैं। जो बात मेनिफेस्टो में नहीं है, उस चीज़ की हम रिस्पांसिबिलिटी नहीं लेते। हाँ आप तर्क रखो। उन्होंने जो कहा अमेरिका के बारे में कहा तो किसी और नाम से हमसे छेड़छाड़ मत करो। हमारे घोषणापत्र में हमने पांच न्याय की बात कही तो हमने तो ये कहा कि युवाओं को न्याय देंगे जिसका मतलब है गवर्नमेंट सर्विस में जितने भी सेवा करने की जगह है। वो भर्ती करेंगे। उसमें ये लिखा गया है कि अप्रेंटिसि कोर्स करके सब बच्चों को सक्षम करके उनको हम रोजगार में लाएंगे और उन्हें एक लाख सालाना देंगे। इसमें मुस्लिम लीग की बात कहां से आई।
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सवाल :- आपका एक लंबा अनुभव रहा है, चौदहवीं लोकसभा आप देख रहे हैं और इस लंबे अनुभव में क्या आपने इस ढंग का प्रचार देखा? जहाँ आप खुद कह रहे हैं कि आपके मैनिफेस्टो में जो नहीं है, उस पर बात हो रही है। आपके मैनिफेस्टो में ना मुस्लिम लीग की बात है, ना मंगलसूत्र छीनने की बात है, ना विरासत टैक्स की बात है। ना ही मांस मछली की बात है। कुछ भी ऐसा नहीं है ना? मुस्लिम आबादी की बात है लेकिन यहाँ पर प्रचार वैसा हो रहा है। आपकी पार्टी का एक डेलिगेशन चुनाव आयोग में मिलके आया है। मैं आपसे समझना चाहता हूँ एक लंबे अनुभव के आधार पर भी क्या इस तरह का प्रचार पहले भी होता रहा? और आज अगर हो रहा है तो इस पर क्या कुछ एक्शन हो सकता है? दूसरी बात ईवीएम की, इस पर संदेह के बादल हैं कि लोग अब थोड़ा कतरा रहे हैं वोट डालने के लिए। कैसे इन मतदाताओं को प्रेरित करेंगे कि आप जाइए वोट देकर आइए
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जवाब :- देखिए, मैंने तो अपना इलेक्शन मैनिफेस्टो बताया। और वो लोग कांग्रेस पार्टी को टोकने का काम कर रहे हैं। हमारा कहना है फ्री एंड फेयर इलेक्शन हो, लेवल प्लेइंग इलेक्शन हो। एक अच्छे डेमोक्रेटिक सिस्टम को, अच्छे लोगों को चुनने का एक मौका होता है। लेकिन अब बीजेपी ये नहीं चाहती। मोदी जी ये नहीं चाहते। वो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कुछ ना कुछ बोलते हैं। मैं बोलता हूँ मुझे भूख लगी है। खाना दो जी, वो बोलते हैं, नहीं बेकरी में अपनी ये केक मिल रहा है कम दाम में, वो जा के खाओ। मैं बोलता हूँ उसे नौकरी दो वो कहते हैं तुम नौकरी नहीं हैं, पकोड़ा बनाओ।संविधान को तोड़ के मरोड़ के आप लोग अपनी सत्ता चला रहे हैं। बॉडीज को खत्म कर रहे हैं। ईडी, सीवीसी, इन्कम टैक्स, इनको सब मिसयूज कर रहे हो तो ये जब आप खुद ही मिसयूज कर रहे हो और बाद में ये बात भी आप कहते हैं कि भ्रष्टाचारियों को मैं सहन नहीं करूँगा। जेल की सलाख के पीछे डालूंगा, लेकिन वो सब इनके बगल में बैठे है। शाह साहब के पास तो एक बड़ी लांड्री है। उस बड़ी लांड्री में एक बहुत बड़ी वाशिंग मशीन है। यहाँ के जितने भी भ्रष्ट होते हैं, उसमें डाल दिए तो क्लीन होकर बाहर आ जाते हैं। तो ये कितना लोगों को बेवक़ूफ़ बनाएंगे? कब तक बनाएंगे?
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सवाल :- तो आपको लगता है कि ये मैसेज वोटर्स तक मतदाताओं तक पहुंचाने में आप लोग कामयाब रहे हैं? क्योंकि चुनाव का वक्त है और यही है अगर जो बातें आप कह रहे हैं इस आधार पर सत्ता परिवर्तन ही इसका उपाय दिखाई देता है।
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जवाब :- सत्ता परिवर्तन के लिए इलेक्शन होते हैं ना? लेकिन लेवल प्लेइंग फील्ड नहीं है। अब चंदा लेते हैं, अगर कोई चंदा नहीं देता, उसको ईडी की धमकी देते हैं। हेमंत सोरेन को उन्होंने कहा कि भाई तुमको अकेला लड़ना है। अगर आप गठबंधन के साथ लड़ेंगे, कांग्रेस के साथ जाएंगे तो आपको अंदर जाना पड़ेगा। हेमंत भाई ने कहा जेल जाना पसंद करूँगा। लेकिन गठबंधन नहीं छोडूंगा।
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सवाल :- आम आदमी पार्टी ने भी प्रेस कांफ्रेंस की थी कि आप बीजेपी में शामिल हो जाओ या गठबंधन में मत जाओ, और अभी अरविंद केजरीवाल भी जेल में है।
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जवाब :- इनका मकसद ही यही है कि लोगों को, सभी राजनेताओं को खत्म करो।
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सवाल :- क्या ये जो आपके ऊपर लगातार प्रहार है? नरेंद्र मोदी की तरफ से, उनकी पार्टी की तरफ से, क्या जाति आधारित जनगणना की जो बात लगातार राहुल गाँधी ने अपनी यात्राओं में की है, उसके बाद आपने बिहार में जब सरकार में अभी कुछ दिन पहले थे उस समय आप लोगों ने बिहार में एक एक्स्पेरमेन्ट करके दिखाया जाति आधारित जनगणना को आप वहाँ लोगों के सामने लेकर आए और कहा कि हमारी सरकार आएगी तो हम ये जनगणना करेंगे। क्या ये एक मूल मुद्दा है जिसकी वजह से आपके ऊपर अटैक है?
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जवाब :- वो कुछ भी करे, हमें कुछ होने वाला नहीं है। हम उसूलों की बात कहते हैं। जो आदमी, जो पार्टी उसूल पर चलती है, उसको कोई हिला नहीं सकता। हम तो यही चाहते हैं कि जाती जनगणना करने है, लेकिन समाज को तोड़ने के लिए नहीं। जैसा नेहरू जी के जमाने में पंचवर्षीय योजना थी, तो शिक्षा, स्वास्थ्य , रोजगार, उद्योग सब पर काम हुआ। लेकिन इन्होंने नीती आयोग बना दिया, इनके आने के बाद तो सार्वजनिक निकाय को बेचना शुरू किया। इस देश में दो लोग बेचने वाले हैं, दो लेने वाले हैं। एक आंकड़ा बताऊँगा आपको, देखो 22 व्यक्ति के पास 70 लाख लोगों जितनी संपत्ति है।20% 46 रू. रोजाना से कम पर गुजारा करती है। आर्थिक असमानता दूर करने की जगह मोदी जी कहते हैं, देखो आपकी संपत्ति छीनकर दूसरों को दे रहे। अरे भाई हमारी संपत्ति, हमारे टैक्स के ऊपर बने हुए पब्लिक सेक्टर हैं, वो तो तुम दूसरों को बेच रहे हो। 22 लोग इस देश की संपत्ति खा रहे हैं और आप चुप बैठे हो? कॉर्पोरेट का 30% पहले टैक्स था तुमने उसको 22% कर दिया। 8% घटा दिया। ऐसा किसानों के लिए और मध्यम वर्ग के लिए तो नहीं किया।
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सवाल :- आप जब मुद्दों की बात करते हैं वो आपको धर्म के नाम पर घेरते हैं। आपके ऊपर नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी आरोप लगाते हैं कि राम मंदिर के उद्घाटन के समय हमने आपको बुलाया, आप लोग आए नहीं?
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जवाब :- देखो बार बार उसका जिक्र छेड़ना नहीं चाहता। जगजीवन राम जी को हिन्दू यूनिवर्सिटी में एक विभाग का उद्घाटन करने के लिए बुलाया। पहले तो विरोध हो गया। बाद में उन्होंने उद्घाटन किया तो उनके गेस्ट हॉउस पहुंचने तक गंगा जल और दूध डाल कर उसको साफ किया। यह मानसिकता उनकी है। प्राण प्रतिष्ठा क्या आस्था का प्रश्न है? हमने हमारे पार्टी के लोगों को भी कहा तुम जाइए किसी को रोक नहीं है लेकिन मेरे लिए रोक इस समाज ने डाली है कि किसी भगवान के मंदिर में आने नहीं देते। मेरे लोगों को पढ़ने नहीं देते, मेरे लोगों को पानी नहीं देते। औरतों का रेप करते हो, ये रोको ना? और जब आप ये बात करते हैं तो मैं ये भी पूछना चाहता हूँ मोदी जी को अरे भाई। बुद्ध तो विष्णु का उदार महत्त्व होता है। नौवां अवतार मान्य। फिर उसकी पूजा क्यों नहीं करते?
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सवाल :- बड़ा प्रश्न है ये बहुत बड़ा प्रश्न आप कर रहे है मतलब ये बात अभी तक किसी ने ये सवाल उठाया नहीं ।
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जवाब :- भगवान। अरे उसको छूना भी नहीं चाहते तुम? उसकी पूजा भी नहीं करना चाहते। और बुद्धम शरणम् गच्छामी भी बोलना नहीं चाहते। तुम्हारी आस्था तुम्हारी जगह, हमारी आस्था, हमारे जगह, लेकिन हम सब डेमोक्रेसी में जनता की सेवा के लिए आए हैं, वो सेवा करो। तो वोटों की पॉलिटिक्स आप करना बंद करो, फ्री इलेक्शन करो ।
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सवाल :- एक गंभीर प्रश्न आप उठा रहे हैं और फेयर इलेक्शन की बात भी कर रहे हैं। लेवल प्लेइंग फील्ड की बात भी हो रही है जो आपके लिए नहीं है और उन सब के बीच आपका इंडिया गठबंधन है। आप अपना मैनिफेस्टो ले आए? इंडिया गठबंधन के जो दूसरे दल घटक दल हैं वो भी कई लोगों के मैनिफेस्टो आए हैं। क्या आप लोगों का कामन मिनिमम प्रोग्राम
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जवाब :- सबके विचार एक ही है एक दो विषय पे है वो हम जब गवर्नमेंट बनेंगे तो उसमें जो भी ठोस मिनिमम प्रोग्राम होगा वो करेंगे। अभी इस दौरान नहीं ला रहे है।
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सवाल :- उत्तर प्रदेश के लिए कहते हैं कि वहाँ से अगर 80 सीटें हैं मैक्सिमॅम जो ले गया वो उसकी सरकार दिल्ली में बन जाती है। उत्तर प्रदेश में आपका जो साथी दल है वो समाजवादी पार्टी है, आप भी 17 सीटों पे लड़ रहे है लेकिन दो सीटों की चर्चा खूब हो रही है वो सीट है रायबरेली और दूसरी सीट है अमेठी राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी का जिक्र बार बार आ रहा है। कितना दम है, क्या सच्चाई है इसमें?
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जवाब :- देखो पार्टी तय करेगी कि उन सीटों पर कैसे लड़ना है और हम जब वक्त आएगा तब पत्ते खोलेंगे।
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सवाल :- राहुल गाँधी कह रहे हैं 150 सीटें, पहले 180 बोल रहे थे, अब बोल रहे हैं 150 सीटों तक बीजेपी सिमट जाएगी। 350 सीटों की बात आप कह रहे हैं कि हम लोग 350 सीटों के लगभग लड़ेंगे। अभी मैं देख रहा था 308 या 311 सीटें आप लोगों ने घोषणा कर दी है। आप लोगों ने अपना लक्ष्य क्या रखा है?
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जवाब :- हमारा लक्ष्य यही है कि इंडिया गठबंधन बीजेपी को सत्ता से दूर रखे।
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सवाल :- सत्ता से दूर रखने के लिए हमको कितने नंबर चाहिए? उतने नंबर आ जाएंगे गठबंधन को। आपको उम्मीद है कि सब मिलकर के 272 पार करेंगे।
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जवाब :- उम्मीद है। उम्मीद के ऊपर ही आदमी जीता है, लेकिन हम भी उम्मीद भी रखते हैं कोशिश भी करते हैं।
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सवाल :- मोदी जी ने अपनी पार्टी की जीत का जो आंकड़ा दिया है वो 370 का दिया है। आर्टिकल 370, फिर उसके बाद तीन तलाक। इन सब की चर्चा तो करते ही हैं नरेंद्र मोदी , उसके अलावा सीएए ले आए,अभी एन आर सी की बात हो रही है और यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात भी हो रही है तो इस पर आपकी क्या राय है?
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जवाब :- वो सारी चीजें हमने जो चीजें हम कर सकते हैं, वो हमने बताया है अपने इलेक्शन में। इसके अलावा भी इंडिया गठबंधन की सहमति जिन मुद्दों पर होगी, वो जरूर करेंगे।
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सवाल :- चर्चा ये हो रही थी कि आपने सीएए के बारे में कुछ नहीं कहा। खासकर केरल और बाकी राज्यों में इसकी चर्चा खूब की गई बीजेपी की तरफ से तो मैं आपका पक्ष जानना चाह रहा था
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जवाब :- मैं वहीं बोलना नहीं चाहता। चिदंबरम बोले दूसरे हमारे पार्टी के साउथ के लीडर्स भी बोले हैं। जो बोलना है हमने लोकसभा और राज्यसभा में कहा है।
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सवाल :- अभी ठीक चुनाव से पहले आपके अकाउन्ट को फ्रीज़ कर दिया गया था इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से। अब चुनाव है। आर्थिक संकट से पार्टी गुजर रही है, ऐसा लगातार सुनने में आता है। कैसे मैनेज कर रहे है?
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जवाब :- बस जितनी कोशिश करना है, कर रहे है। हमारे वर्कर्स चंदा भी दे रहे है और जो चंदा दिया हुआ पैसा था वो भी चौदह लाख उन्होंने उसके ऊपर 135,00,00,000 का दंड डाला है। हमारे पास विज्ञापन के लिए पैसे नहीं हैं, ज्यादा खर्च नहीं कर सकते और दूसरी जो चीजें हैं उनको भी नहीं कर सकते।
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सवाल :- पहले दौर का चुनाव हो गया, कल दूसरे दौर का मतदान है। आप क्या उम्मीद रखते हैं
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जवाब :- देखिए पहला चरण की तो हमें रिपोर्ट जो मिली है कि हम आगे है। अब दूसरा दौर है, इसमें भी हम आगे रहेंगे, इसलिए कि लोग जब ट्रेंड देखते हैं तो उस ट्रेंड के ऊपर थोड़ा कुछ ध्यान दे कर वो वोट डालते हैं। अंडर करंट दिखाई दे रहा है और लोग बात नहीं कर रहे है, लेकिन वोट जरूर दे रहे है।
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सवाल :- लेकिन वोटिंग प्रतिशत जो कम हुआ है, ये क्या कारण हो सकता है?
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जवाब :- एक तो हम ये कोशिश करेंगे अब ज्यादा से ज्यादा वोटिंग करो। जितना ज्यादा वोटिंग करेंगे उतना फायदा। पैदल चलने वाले आदमी को लाभ होगा ।
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