ललित सुरजन की कलम से - आई बी और आई बी
'कुछ दिन पहले आई बी याने भारत के गुप्तचर ब्यूरो की रिपोर्ट प्रकाश में आई;
'कुछ दिन पहले आई बी याने भारत के गुप्तचर ब्यूरो की रिपोर्ट प्रकाश में आई। इसमें भारत में काम करने वाले अनेक स्वैच्छिक अथवा गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर आरोप लगाए गए कि वे आर्थिक मोर्चे पर देशविरोधी काम कर रहे हैं और इसके पीछे विदेशों से मिली इमदाद का हाथ है।
इसमें इन संस्थाओं पर मलेशिया आदि से आयातित पॉम ऑयल पर रोक लगाने की मांग, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का विरोध, बड़े बांधों का विरोध- ऐसे बहुत से कारण गिनाए गए हैं। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि आई बी की यह रिपोर्ट अधिकारिक तौर पर जारी न होकर लीक की गई है।
फिलहाल इस मामले में आई बी चुप है लेकिन एनजीओ और मोदी सरकार के घोषित-अघोषित प्रवक्ताओं के बीच वाक्युद्ध चल रहा है।'
(देशबन्धु में 19 जून 2014 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2014/06/blog-post_19.html