सीएए पर मिलकर सोंचे, अर्थव्यवस्था पर निराशा नहीं फैलायें : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिक संशोधन कानून (सीएए) पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस पर सबको मिल बैठकर सोचने की जरुरत है;

Update: 2020-02-06 20:07 GMT

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिक संशोधन कानून (सीएए) पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस पर सबको मिल बैठकर सोचने की जरुरत है और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और इस पर निराशा नहीं फैलायी जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर तीन दिन तक चली चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि सीएए पर विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है। यह कानून वास्तव में देश के महापुरुषों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहेब अम्बेडकर, पंडित जवाहर लाल नेहरु और लाल बहादुर शास्त्री का भावना के अनुरुप है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इससे किसी भी भारतीय नागरिक को कोई खतरा नहीं है।

श्री मोदी ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और जनगणना को सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया बताते हुये विपक्ष से इसका विरोध नहीं करने की अपील की और कहा कि इससे विपक्ष की गरीब विरोधी मानसिकता प्रकट होती तथा वह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है जिससे देश में अविश्वास की स्थिति बनती है।

उन्होंने विपक्ष के अर्थव्यवस्था को लेकर किये गये हमलों का खारिज करते हुए कहा कि इसके मूल आधार मजबूत हैं और अर्थव्यवस्था को लेकर निराश होने की जरुरत नहीं है। श्री मोदी के जवाब के दोनों सदनों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। राज्यसभा में विपक्ष के बहिर्गमन के बीच इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया और लोकसभा में विपक्ष ने केवल अपना विरोध प्रकट किया।

श्री मोदी ने दोनों सदनों में हिन्दी - उर्दू के कवियों और शायरों की पंक्तियों को उद्धृत करते विपक्ष पर तीखे प्रहार किये और कहा कि विपक्ष ठहर गया है और आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रहा है जबकि भारतीय जनता पार्टी पुरानी लीक से हट कर नयी लकीर बना रही है।

श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार लीक से हटकर, नयी लकीर बनाकर तेज गति से काम रही है और जनता ने जिस विश्वास के साथ उन्हें सत्ता सौंपी है उस पर खरा उतरने के लिए सभी लम्बित कामों को गति के साथ पूरा कर रही है। उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने को सही ठहराते हुए कहा कि पिछले 18 महीने में तेजी से विकास कार्य हुआ है और कई मामलों में तो पहली बार उल्लेखनीय काम हुए हैं। उन्होंने सीएए के कारण पूर्वोत्तर राज्यों के जलने के आरोप करते हुए कहा कि वहां पूरी तरह से शांति है और ये राज्य अपने विकास कार्य में आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के संविधान बचाओ के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसे दिन में सौ बार ‘संविधान बचाओ’ का जाप करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके काम को लोगों ने पांच साल तक देखा है और उन पर भरोसा किया है इसलिए लोगों ने इस बार उन्हें पहले की तुलना में ज्यादा ताकत के साथ संसद में भेजा है। जनता ने नयी शक्ति के साथ उनकी सरकार ही नहीं बनायी बल्कि सरोकार बदलने की भी आंकांक्षा की है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में उन्हें और तेज गति से काम करने और लम्बे समय से लम्बित पड़ी जन आंकांक्षाओं को पूरा करना है और इसीलिए वह नयी गति के साथ तथा लीक से दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

अनुच्छेद 370 हटाने, राम जन्मभूमि विवाद सुलझाने, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति, नाबालिगों से बलात्कार के लिए फाँसी की सजा का प्रावधान और तीन तलाक को गैर कानूनी करार देने जैसे बड़े फैसलों का जिक्र करते हुये श्री मोदी ने कहा कि 70 साल बाद देश अब ज्यादा लंबा इंतजार करने के लिए तैयार नहीं है।

श्री मोदी ने अर्थव्यवस्था के आधार मजबूत होने का दावा करते हुए कहा कि देश को निराश होने की आवश्यकता नहीं है और पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए सबको मिलकर काम करने की जरुरत है। अर्थव्यवस्था मूल आधार पूरी तरह से सशक्त है और देश को एकजुटता के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर देश में निराशा का माहौल की जरुरत नहीं है और इससे देश का भला नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग इसका विरोध करते हैं, उन्हें भी पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ना होगा।

प्रधानमंत्री ने संसद के वर्तमान सत्र को पूरी तरह से अर्थव्यवस्था पर केंद्रित करने का आह्वान करते हुए कहा कि इस सत्र को पूरी तरह से आर्थिक मुद्दों पर समर्पित कर देना चाहिए। एक दूसरे का विरोध करने की बजाय या “ तू- तू मैं- मैं” की जगह आपस में मिलकर विचार करने तथा आत्ममंथन करने की जरुरत है।

उन्होंने कहा कि सरकार समाज की मानसिकता बदलने में कामयाब हुई है और ‘अब मोहल्ले में खेलने की बजाय दुनिया के सामने खेलने’ का समय आ गया है। श्री मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन पर सभी पक्षों से मिल बैठ कर सोचने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि जिस समस्या से केरल खुद परेशान है, उसी तरह के प्रदर्शन का वह देश के अन्य हिस्सों में समर्थन कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर लोगों को खुद से सवाल करना चाहिए और लोगों को गुमराह करने से रोकना चाहिए। इससे राजनीति का भला नहीं होने वाला है। इस समस्या के समाधान के लिए सभी पक्षों को मिल बैठकर सोचना चाहिए।
 

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