युवक ने जनसुनवाई में किया आत्मदाह का प्रयास, पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
अपने साथ हो रहे उत्पीड़न की शिकायत करने दलित युवक एसपी ऑफिस पहुंचा और बहोड़ापुर थाना पुलिस द्वारा उसकी सुनवाई नहीं करने और दबंगों के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाते हुए खुद पर केरोसिन डाल लिया।;
By : गजेन्द्र इंगले
Update: 2023-04-05 04:04 GMT
गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान एल युवक ने आत्मदाह का प्रयास किया हालाकिं ततपरता दिखाते हुए उसे बचा लिया गया। इस युवक मनीष आर्य ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। 5 साल से यह दलित युवक उत्पीड़न का शिकार है। लेकिन पुलिस दबंगो के दवाब में युवक की सुनवाई नहीं कर रही। आख़िरखार तंग आकर युवक को यह आत्मघाती कदम उठाना पड़ा। अब पुलिस जांच की बात कर रही है।
अपने साथ हो रहे उत्पीड़न की शिकायत करने यह युवक एसपी ऑफिस पहुंचा और उसने अपने घर के नजदीक स्थित बहोड़ापुर थाना पुलिस द्वारा उसकी सुनवाई नहीं करने और दबंगों के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाते हुए खुद के ऊपर केरोसिन डाल लिया। लेकिन घटना के समय एसपी ऑफिस परिसर में काफी पुलिसकर्मी मौजूद थे।
युवक के हाथ से केरोसिन की बोतल लेकर उसे आग लगाने से पहले ही काबू कर लिया गया। पता चला है कि मनीष आर्य बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के सूरज नगर में रहता है। उसके पिता शासकीय सेवक हैं। पड़ोसी वेद प्रकाश शर्मा और उसके लड़के गौरव शर्मा एवं शिवम शर्मा तथा पड़ोसी महिला कल्पना अग्रवाल से उसकी रंजिश चल रही है। पड़ोसी शर्मा परिवार इस युवक को झूठे मामलों में फंसाने की लगातार धमकी दे रहे हैं और पड़ोसन महिला कल्पना अग्रवाल के जरिए उस पर मुकदमा दर्ज करवाने की कोशिश की जा रही है। मनीष पड़ोसियों के बारे में कई बार बहोड़ापुर थाने में शिकायत कर चुका है। पर पुलिस मनीष आर्य की सुनवाई नहीं कर रही है।
शर्मा परिवार द्वारा सितंबर में भी उसके साथ मारपीट की गई थी। जिसका मुकदमा बहोड़ा पुर थाने में दर्ज है इसी मामले में उस पर पड़ोसियों द्वारा दवाब बनाने के लिए उसके पिता के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया है पुलिस कोई जांच नहीं कर रही है। 5 सालों से इस दलित परिवार का उत्पीड़न जारी है इसी से क्षुब्ध होकर मनीष आर्य ने अपने ऊपर केरोसिन डाल लिया। गनीमत यह रही कि वहां पर पुलिसकर्मी मौजूद थे अब पुलिस ने कहा है कि मनीष की शिकायत पर गंभीरता से जांच की जाएगी यदि मामले में किसी की गलती पाई जाएगी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यहां बड़ा सवाल यह है कि समय रहते पुलिस कार्यवाही क्यों नहीं करती? क्यों पुलिस किसी बड़ी घटना के बाद ही जागती है?