उप्र दुष्कर्म पीड़िता की त्रासदी खौफ पैदा करने वाली, निष्पक्ष जांच हो : एमनेस्टी

मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में दुष्कर्म पीड़िता की त्रासदी और उसके पिता की हिरासत में मौत को दिल दहलाने वाला करार दिया;

Update: 2018-04-11 22:52 GMT

नई दिल्ली। मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में दुष्कर्म पीड़िता की त्रासदी और उसके पिता की हिरासत में मौत को दिल दहलाने वाला करार दिया और मामले की तुरंत व निष्पक्ष जांच की मांग की। दुष्कर्म पीड़िता के पिता की सोमवार को पुलिस हिरासत में मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की कार्यक्रम निदेशक अस्मिता बसु ने कहा कि लगता है कि राज्य पुलिस ने मानवाधिकार की तरफ से अपना मुंह मोड़ लिया है।

उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कथित रूप से आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने में विफलता, दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार की प्रताड़ना और पुलिस हिरासत में उसके पिता की मौत एक दिल दहलाने वाली तस्वीर पेश कर रही है।"

उन्होंने कहा, "इन उल्लंघनों में तुरंत, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और अधिकारियों को पीड़िता व उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाने चाहिए ताकि उनपर आगे अत्याचार न हो।"

बसु ने राज्य सरकार से इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा जारी नोटिसों पर प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया। 

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जून 2017 में एक लड़की ने भाजपा विधायक और उसके भाइयों पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। मामले में कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए उसने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर आत्महत्या का प्रयास किया था। उसके पिता को पुलिस ने रविवार देर रात उठा लिया और उनकी कथित रूप से बुरी तरह पिटाई की गई। सोमवार को पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने लड़की के आरोपों और उसके पिता की हिरासत में मौत के मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है।

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