वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई

वक्फ संशोधन एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार 21 मई को लगातार दूसरे दिन सुनवाई होगी;

Update: 2025-05-21 09:53 GMT

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार 21 मई को लगातार दूसरे दिन सुनवाई होगी। आज केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलीलें पेश करेंगे।

20 मई को सीजेआई बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच के सामने केंद्र ने पहले उठे मुद्दों तक सुनवाई सीमित रखने का अनुरोध किया था। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, सुनवाई उन तीन मुद्दों पर हो, जिन पर जवाब दाखिल किए हैं।

याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, एएम सिंघवी और राजीव धवन पेश हुए। सिब्बल ने कहा, सरकार धार्मिक संस्थाओं की फंडिंग नहीं कर सकती। मस्जिद में मंदिरों की तरह 1000-2000 करोड़ चढ़ावे में नहीं होते।

इस पर सीजेआई ने कहा, मैं मंदिर भी गया हूं, दरगाह और चर्च भी गया हूं। हर किसी के पास चढ़ावे का पैसा है। हालांकि सिब्बल ने कहा, दरगाह दूसरी बात है, मैं मस्जिदों की बात कर रहा हूं।

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को चेतावनी दी कि अंतरिम राहत के लिए उन्हें बहुत मजबूत और स्पष्ट दलीलें पेश करनी होंगी, क्योंकि हर कानून की संवैधानिकता की धारणा होती है।

चीफ जस्टिस ने सवाल उठाया कि क्या एएसआई की संपत्ति में प्रार्थना नहीं हो सकती और क्या इससे धर्म पालन का अधिकार छिन जाता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सिर्फ पांच मुख्य याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिनमें एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सात घंटे की बहस का समय दिया है। मंगलवार को तीन घंटे की सुनवाई के बाद आज केंद्र की दलीलें सुनना महत्वपूर्ण होगा।

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