नागा मुद्दे का हल चुनाव बहिष्कार नहीं : रिजिजू
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि नागालैंड में 27 फरवरी के विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करना राज्य में विद्रोह के मुद्दे का हल नहीं है;
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि नागालैंड में 27 फरवरी के विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करना राज्य में विद्रोह के मुद्दे का हल नहीं है। केंद्र ने यह भी कहा कि सरकार चुनाव कराने की संवैधानिक प्रक्रिया से बंधी हुई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने राज्य के नागा समूहों व राजनीतिक दलों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास रखने का आग्रह किया।
यह टिप्पणी कोर कमिटी ऑफ नागालैंड ट्राइबल होहोस एंड सिविल ऑर्गेनाइजेशंस (सीसीएनटीसीएचओसी) के आग्रह के मद्देनजर आई है। सीसीएनटीसीएचओसी ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से लंबित नागा विद्रोह के मामले के जल्द हल के लिए विधानसभा चुनावों को टालने का आग्रह किया है।
नागालैंड के ग्यारह राजनीतिक दलों ने सोमवार को चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवारों को टिकट नहीं जारी करने का निर्णय लिया। यह कदम दलों ने चुनावों से पहले सात दशक पुराने विद्रोह के मुद्दे के जल्दी हल के लिए दबाव बनाने के लिए लिया गया। यह फैसला सीसीएनटीसीएचओसी द्वारा बुलाई गई राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक में लिया गया। इसमें सत्तारूढ़ नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शामिल रहीं।
रिजिजू ने ट्वीट में कहा कि सरकार नागा मुद्दे को विशेष महत्व देती है।
उन्होंने कहा, "हम पूरी तरह से (सीसीएनटीएचसीओ द्वारा) जाहिर की गई भावनाओं को समझते हैं, लेकिन चुनाव का बहिष्कार हल नहीं है। हमें मोदी जी की प्रतिबद्धता पर विश्वास रखना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि नागालैंड में शांतिपूर्ण चुनाव शांति वार्ता का मार्ग बनाएगा और सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा, "समय से चुनाव आयोजित करना एक संवैधानिक प्रक्रिया है। सरकार संवैधानिक प्रावधान से बंधी है। सरकार ने लंबे समय से लंबित नागा मुद्दे को अत्यधिक महत्व दिया है। हमारा मानना है कि नागालैंड में शांतिपूर्ण चुनाव चल रही शांति वार्ता को सुगम बनाएगा और हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।"