स्लीपर कोच में आरपीएफ की तैनाती हो

रात्रि कालीन ट्रेनों में स्लीपर कोच में टी.टी.आई/आर.पी.एफ गार्ड उपलब्ध नही होने के कारण आरक्षण प्राप्त यात्रियों को अपने कोच में प्रवेश के लिए अत्याधिक जदोजहद करना पड़ता है;

Update: 2018-04-26 11:47 GMT

गायत्री परिवार ने रेल मंत्री को लिखा पत्र
पेण्ड्रा।  रात्रिकालीन ट्रेनों के स्लीपर कोच में यात्रियों की सुविधा के लिए टी.टी.आई अथवा आर.पी.एफ  गार्ड की प्रत्येक स्लीपर कोच में अनिवार्यत: दरवाजे के समीप उपस्थित रहने सेवा दिये जाने का मांग गायत्री शक्ति पीठ अखिल विश्व गायत्री परिवार पेन्डरा द्वारा रेलमंत्री से किया है। 

 उन्होंने पत्र में लिखा है कि रात्रि कालीन ट्रेनों में स्लीपर कोच में टी.टी.आई/आर.पी.एफ गार्ड उपलब्ध नही होने के कारण तथा इनकी लापरवाही उपेक्षा की वजह से  आरक्षण प्राप्त यात्रियों को अपने कोच में प्रवेश के लिए अत्याधिक जदोजहद करना पड़ता है ।

अक्सर रात्रि कालीन ट्रेनों में बहुतायत अनाधिकृत यात्री स्लीपर कोच में यात्रा करते है और वे दरवाजे के समीप चादर बिछाकर सोते रहते है जिसकी वजह से आरक्षित टिकटधारी दरवाजा खटखटाते रहते है परन्तु अंदर बैठे यात्री दरवाजा नही खोलते है आरक्षित टिकट धारी चिल्लाता रहता है परिवार के साथ बूढे छोटे-छोटे बच्चे रहते है ट्रेन में चढ़ने के लिए अत्याधिक मशक्त करनी पड़ती है अक्सर कभी कभी दरवाजा नही खोलने के कारण ट्रेन छूट जाती है जिसके कारण आरक्षित टिकटधारियों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कभी कभी दरवाजा खुलवाने के लिए ट्रेन में बैठै यात्रियों से झगड़ा तक हो जाता है। जब आरक्षित टिकिट धारी को ट्रेन में प्रवेश नही मिल पाता है तो उसे मजबूरीवश अपनी आरक्षित टिकट को निरस्त करवाना पड़ता है जिससे उन्है आर्थिक नुकसान तो होता ही है साथ ही आवश्यक कार्य से यात्रा सेवा से भी वचिंत होना पड़ता है। रेल विभाग को आर्थिक लाभ होता है उन्है यात्रियों के असुविधाओं से कोई लेना देना नही होता है । रेल विभाग रात्रिकालीन आरक्षित टिकट धारियों की मुख्य समस्या की ओर आज तक ध्यान नही दिया गया है।

उन्होंने लिखा कि भारत सरकार रेल मंत्रालय यात्रियों के लिए नित्य नई नई सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है परन्तु रात्रिकालीन आरक्षित टिकट धारियों की रात्रिकालीन स्लीपर कोच यात्रा के संबंध में उनके कठिनाईयों की ओर रेल मंत्रालय विभाग द्वारा ध्यान नही दिया जा रहा है जिसकी वजह हर दिशाओं तथा कई रेल्वे जोन में यथा बिहार एवं उत्तर प्रदेश राज्य से गुजरने वाली ट्रेनों में अक्सर कई स्टेशनों तक टी.टी.आई एवं आर.पी.एफ गार्ड सेवा से नदारत रहते है जिससे रात्रिकालीन आरक्षित टिकट धारियों को स्लीपर कोच  में अपनी आरक्षित टिकट यात्रा की सुविधा से वंचित होना पड़ता है तथा टी.टी.आई एवं रा़ित्रकालीन सेवा में लगे

आर.पी.एफ.गार्ड की लापरवाही उपेक्षा के कारण भी यात्रियों की अनुकूल मदद नही करते है। ऐसी स्थिति में रात्रि में किसके पास शिकायत किया जाये इतना समय भी नही रहता है कि अपनी कठिनाईयों के संबंध में उच्चाधिकारियों से शिकायत दर्ज करायें समय इतना नाजुक होता है कि यात्री येनकेन प्रकारेण अपनी कोच में किसी तरह अपने परिवार के साथ ट्रेन में प्रवेश कर लें ।

अक्सर मजबूरीवश आरक्षित टिकट धारी डर-भय के कारण जैसे भी हो यात्रा करने को मजबूर रहते है। असमाजिक तत्व से युक्त यात्री अक्सर गुडागर्दी मारपीट भी करने को तैयार रहते है विशेष जगहों के यात्री अपने समूह व अपने इलाके का धौस बताकर उनकी यात्रा को दुखद बना देते है जो परिवार के साथ यात्रा करते है आगे पीछे सब सोचकर चुप बैठकर यात्रा करने के लिए मजबूर रहते है। 

 उक्त संबंध में रात्रिकालीन आरक्षित टिकट धारियों के रात्रिकालीन ट्रेन यात्रा के सभी पहलुओं को ध्यान रखते हुए स्लीपर कोच में रात्रिकालीन आरक्षित टिकट धारियों के कठिनाईयों से निजात दिलाने के लिए अकेले हो या परिवार के साथ सुखद यात्रा हेतु आरक्षित स्लीपर कोच में अनिवार्यत: दरवाजे के समीप टी.टी.आई या अन्य गार्ड उपस्थित रहै जिससे स्टेशन में ट्रेन खड़ी हो तत्काल आरक्षित स्लीपर कोच के दरवाजा खोल दिया जाना चाहिए जिससे आरक्षित टिकट धारी अपने परिवार बच्चों के साथ सरलता से अपने कोच में प्रवेश कर सकें एवं अपनी यात्रा प्रारंभ करे सकें ।

उक्त संबंध में पीयूष कुमार गोयल केन्द्रीय रेल मंत्री, चेयरमेन रेल्वे बोर्ड कार्यालय नई दिल्ली एवं जोन महाप्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे बिलासपुर छत्तीसगढ़ को गायत्री शक्ति पीठ अखिल विश्व गायत्री परिवार पेन्डरा एवं सत्यनारायण पाण्डेय अक्षय नामदेव नरेश कुमार गोयल डा प्रवीण कुमार राय रामनिवास तिवारी केके मिश्रा राजेन्द्र कुमार सोनी पुष्पेन्द्र कुमार वैश्य अशोक कुमार शर्मा ने पत्र प्रेषित करते हुए मॉग किया है।      

Tags:    

Similar News