बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी सरकार के कंधों पर : शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बच्चों के उज्जवल भविष्य की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने अपने कंधों पर ले ली है;
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बच्चों के उज्जवल भविष्य की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने अपने कंधों पर ले ली है। प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के सपनों को मरने नहीं दिया जायेगा। प्रदेश के बालक-बालिकाओं की स्नातक स्तर की शिक्षा की शिक्षण संस्थाओं की फीस राज्य सरकार भरवायेगी। श्री चौहान आज लाल परेड ग्राउंड में मेधावी छात्र प्रोत्साहन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों को बड़ों का सम्मान, नागरिक कर्त्तव्यों का पालन, वर्ष में एक पौधा लगाने, पानी-बिजली बचाने, हर बच्चा स्कूल जाये और नशा नहीं करने के लिये संकल्पित भी करवाया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि बच्चों की आँखों में भविष्य के सपने देखकर, उन्हें उसे साकार करवाने की प्रेरणा मिलती है। बच्चों के साथ उनका सीधा-संवाद रहता है। वे जहाँ भी जाते हैं, वहाँ उन्हें बच्चे अपनी समस्याएँ बताते हैं। बच्चे सबसे ज्यादा चिंता आगे की पढ़ाई के लिये फीस की बताते थे। बच्चों की इस चिंता को दूर करने के लिये मध्यप्रदेश में ऐसी पहल की गयी हैं, जो दुनिया में कहीं भी कभी भी नहीं हुई है। अब प्रदेश के प्रतिभाशाली बच्चों के मार्ग में आगे की शिक्षा में फीस की बाधा नहीं आयेगी। मेधावी बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में कोई कमी नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहका कि प्रदेश में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना लागू हो गई है। सरकार का संकल्प है, खजाना खाली हो जाये, लेकिन बच्चों का भविष्य बनना चाहिए। इस योजना के अंतर्गत बिना जाति, धर्म और संप्रदाय के भेदभाव के गरीब परिवारों के बच्चों की उच्च शिक्षा की फीस राज्य सरकार भरवाएगी। योजना में छह लाख रुपये वार्षिक आय तक के प्रदेश के सभी परिवारों के बच्चे पात्र होंगे। योजना से राज्य शिक्षा मंडल के 75 प्रतिशत और सीबीएसई बोर्ड के 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के बच्चों में मेधा, लगन, दक्षता और परिश्रम की क्षमता है। उन्होंने बच्चों का आव्हान किया कि वे अपनी मेधा, क्षमता और दक्षता का उपयोग रोजगार सृजन में करें। उद्योग लगायें, व्यवसाय, व्यापार संचालित करें। उन्हें राज्य सरकार का भरपूर सहयोग मिलेगा।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में युवाओं को दस लाख से लेकर दो करोड़ रुपये तक के बैंक ऋण मिलेंगे, जिसकी गारंटी राज्य सरकार लेगी। युवाओं को सैद्धांतिक से लेकर व्यवहारिक प्रशिक्षण भी उपलब्ध करवाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शासकीय विद्यालयों के गुरुजनों का अभिनंदन करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही 18 हजार में से 10 हजार शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थी सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में आये मेधावी विद्यार्थियों का गुलाब की पंखुड़ियों से स्वागत किया। विभिन्न समूहों के मेरिट के प्रथम पाँच छात्र-छात्राओं को प्रतीक स्वरूप लेपटॉप के लिये 25 हजार की राशि का चेक और प्रशस्ति पत्र प्रदाय किया गया। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि सरकार शिक्षा में उच्च गुणवत्ता के लिये निरंतर प्रत्यनशील है।
मेधावी विद्यार्थियों को भविष्य में अच्छी गुणवत्ता के लेपटॉप मिलें, ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं। अगले वर्ष योजना के तहत लेपटॉप ही प्रदाय किये जायेंगे। उन्होंने परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को उत्तीर्ण करवाने में मदद की योजना बनाने की जानकारी भी दी। बताया कि ओपन स्कूल के माध्यम से ऐसे विद्यार्थियों के लिये किश्तों में परीक्षाएं आयोजित की जायेंगी। प्रदेश के विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू कर दी गयीं हैं। शीघ्र ही निजी विद्यालयों की फीस को नियंत्रित करने के कदम भी उठाये जायेंगे। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने मेधावी विद्यार्थियों को बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार छात्र-छात्राओं को हरसंभव सहयोग करने के लिये संकल्पित है। ताकि बच्चे आगे चलकर देश-दुनिया में नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि सरकार, समाज और परिवार को उनसे बड़ी आशाएँ हैं। उन्हें साकार करने का विद्यार्थी सार्थक प्रयास करेंगे। सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने बताया कि योजना का उद्देश्य मेधावी छात्र-छात्राओं को सुविधा प्रदान कर उच्च शिक्षा के लिये प्रोत्साहित करना है।
समारोह में किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन, विधायक सुरेन्द्रनाथ सिंह, विधायक रामेश्वर शर्मा, नगर निगम भोपाल के सभापति सुरजीत सिंह चौहान, अध्यक्ष जिला पंचायत भोपाल मनमोहन नागर, अध्यक्ष जिला पंचायत बालाघाट श्रीमती रेखा बिसेन, अध्यक्ष बाल संरक्षण आयोग राघेवन्द्र शर्मा एवं प्रदेश के सभी जिलों के 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले मेधावी छात्र-छात्राएँ, उनके गुरुजन एवं अभिभावक उपस्थित थे।