बीडब्ल्यूएफ के नए नियम के समय पर सिंधु ने उठाए सवाल

 रियो ओलम्पिक-2016 में भारत को रजत पदक दिलाने वाली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने मंगलवार को खेल में हाल ही में प्रयोग के तौर पर किए गए सर्विस नियम में बदलाव के समय पर सवाल उठाए हैं;

Update: 2017-12-26 17:59 GMT

नई दिल्ली।  रियो ओलम्पिक-2016 में भारत को रजत पदक दिलाने वाली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने मंगलवार को खेल में हाल ही में प्रयोग के तौर पर किए गए सर्विस नियम में बदलाव के समय पर सवाल उठाए हैं। बदले हुए नियम को मार्च में लंदन में होने वाले प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में परखा जाएगा।

नए नियम के मुताबिक, सर्विस करने वाला खिलाड़ी जब सर्विस करेगा तब शटल और उसके रैकेट की दूरी कोर्ट के तल से 1.15 मीटर होनी चाहिए। 

सिंधु ने प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में चेन्नई स्मैशर्स के मुंबई रॉकेट्स के खिलाफ होने वाले मैच से पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, "यह ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट की जगह किसी और टूर्नामेंट में किया जा सकता था। हर कोई जानता है कि यह टूर्नामेंट कितना प्रतिष्ठित है। वह इसे नए साल की शुरुआत से ही शुरू कर सकते थे।"

उन्होंने कहा, "जब नियमों में बदलाव की बात आती है तो हमें इन्हें सीखना होता है। इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है। मेरे लिए इसमें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।"

सिंधु ने कहा, "किसी को हो सकती है, लेकिन हमें इसका अभ्यास करना होगा। आप रैली शुरू करें, उससे पहले सर्विस काफी अहम होती है।"

Next year, there are definitely a lot of tournaments coming up. You can't really plan out because you never know which one you are going to play. For now, it's just one tournament at a time. In 2018, I have to play well & keep myself fit: PV Sindhu pic.twitter.com/1rUhnxeJuY

— ANI (@ANI) December 26, 2017


Sindhu

व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के बारे में सिंधु ने कहा कि इस पर बात करने का कोई फायदा नहीं है। 

सायना नेहवाल और ओलम्पिक पदक विजेता स्पेन की कैरोलिना मारिन ने इस पर हाल ही में सवाल उठाए थे। 

उन्होंने कहा, "कैलेंडर पहले ही आ चुका है। इसलिए हम यह नहीं कह सकते की हम नहीं खेलेंगे। जाहिर सी बात है, यह बेहद मुश्किल कार्यक्रम है। विश्व चैम्पियशिप, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेल हैं। मैं टूर्नामेंट का चुनाव ध्यान से करूंगी और कोच के साथ इस पर तैयारी करूंगी।"

विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने हाल ही में शीर्ष खिलाड़ियों के लिए साल में 12 टूर्नामेंट खेलना अनिवार्य कर दिया है। इस कदम की व्यापक आलोचना हुई है।

सिंधु इस साल एक बार फिर विश्व चैम्पियशिप और दुबई सुपरसीरीज का खिताब जीतने से महरूम रह गईं। वह फाइनल में पहुंच कर हार गई थीं।

इस साल के अपने प्रदर्शन पर सिंधु ने कहा, "मेरे लिए यह साल अभी तक अच्छा रहा है। अगर सुपरसीरीज, विश्व चैम्पियनशिप और हाल ही में खत्म हुई दुबई सुपरसीरीज जीत जाती तो यह और अच्छा होता। मैं हालांकि फाइनल में हार गई लेकिन कुछ अच्छे मैच हुए और वो मैच ऐसे थे कि किसी के भी हो सकते थे।"
 

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