मरीज को स्ट्रेचर पर खुद ले जाते हैं परिजन
जिला चिकित्सालय के केजुअल्टी में पांच वार्ड ब्वॉय होने के बाद भी मरीजों को स्ट्रेचर से एक वार्ड से दूसरे वार्ड ले जाने भर्ती करने तथा डिस्चार्ज करने के बाद भी परिजनों द्वारा खुद मरीजों को स्ट्रेचर से;
बिलासपुर। जिला चिकित्सालय के केजुअल्टी में पांच वार्ड ब्वॉय होने के बाद भी मरीजों को स्ट्रेचर से एक वार्ड से दूसरे वार्ड ले जाने भर्ती करने तथा डिस्चार्ज करने के बाद भी परिजनों द्वारा खुद मरीजों को स्ट्रेचर से लाया ले जाया जा रहा है। गंभीर रुप से व हड्डी जैसे मामले आने पर भी वार्ड ब्वाय या तो नदारद रहते हैं या फिर खड़े होकर तमाशा देखते रहते हैं। ऐसा ही नजारा आज जिला अस्पताल में देखने को मिला। अस्पताल परिसर में
एक बुजुर्ग महिला जिसके पैर में प्लास्टर चढ़ा था वहीं पड़ी रही लेकिन कोई वार्ड ब्वाय मदद के लिए नहीं पहुंचा। आखिरकार वृद्धा की बेटी ने वहां आसपास मौजूद कुछ लोगों की मदद से अपनी मां को आटो में बैठाया।
जिला अस्पताल में आज दोपहर बापूनगर निवासी मीना बाई 65 वर्ष का पैर टूट जाने पर उसकी बेटी उन्हें जिला अस्पताल लेकर आई थी जहां शल्य क्रिया, पट्टी कक्ष में उसके पैर का प्लास्टर किया गया। उसने बताया जब आटो से लेकर अस्पताल पहुंची तब भी कोई ब्वाय नहीं आया खुद स्ट्रैचर से लेकर गई।
प्लास्टर हो जाने के बाद भी कोई वार्ड ब्वाय बाहर तक उसे लेकर नहीं गया। तब वृद्धा की पुत्री ने खुद स्टे्रचर में लेकर बाहर आटो तक गई। जिला अस्पताल में ऐसे नजारे आए दिन देखने को मिलता है। जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में कुल पांच वार्डब्वाय की ड्यूटी रहती है जो कि तीन शिफ्टों में काम करते हैं। इनका काम आपातकालीन वार्ड में आने वाले मरीज को तत्काल उपचार के बाद वार्ड में भर्ती व एक वार्ड से दूसरे जांच कक्ष तक ले जाने के साथ-साथ डिस्चार्ज व रिफर होने पर भी वाहन तक पहुंचाना होता है।
लेकिन यहां के वार्डब्वाय केजुअल्टी से हमेशा गायब रहते हैं। जिससे अस्पताल आने वाले मरीजों को बहुत परेशानी होती है। अस्पताल प्रबंधन भी इन कर्मचारियों पर लगाम नहीं लग पा रहा है।
पता करवाता हूं केजुअल्टी में कुल पांच वार्डब्वाय है जो तीन शिफ्टों में ड्यूटी करते हैं। अगर वे अपनी ड्यूटी से नदादद है या मरीजों की मदद नहीं कर रहे हैं तो इसकी जानकारी ली जाएगी। कल पता करवाता हूं।