कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताई रसायनों व दवाओं के समुचित प्रयोग की विधि
मछलीपालन विभाग के तत्वावधान में 'मत्स्य स्वास्थ्य शिविर एवं सर्तकता कार्यक्रम' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज किया गया;
धमतरी। मछलीपालन विभाग के तत्वावधान में 'मत्स्य स्वास्थ्य शिविर एवं सर्तकता कार्यक्रम' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज किया गया, जिसमें भुबनेश्वर ओड़िशा के केन्द्रीय मीठाजल जीव पालन संस्थान (सीफा) के वैज्ञानिकों द्वारा मछलीपालन में रसायनों एवं दवाइयों के समुचित प्रयोग के बारे में जानकारी दी गई।
इसमें धमतरी सहित बालोद एवं कांकेर जिले के 100 से अधिक मछलीपालक कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में भुवनेश्वर से पधारे प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एसएस मिश्रा, डॉ. पी स्वांई एवं डॉ. राकेश दास ने छत्तीसगढ़ में मछलियों में होने वाली सामान्य बीमारियों एवं उनके कारणों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने क्षारीयता की कमी एवं वृद्धि के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी तथा क्षारीयता सुधारने के संबंध में मत्स्यपालकों को मार्गदर्शन दिया। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने पानी परीक्षण किट प्रदर्शित किया।
साथ ही किसानों द्वारा लाये गये जल का परीक्षण कर आवश्यक जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में मछलियों मे होने वाली बीमारियों को पता लगाने हाल ही में केन्द्रीय मीठाजल जीव पालन संस्थान (सीफा) भुवनेश्वर द्वारा ईजाद की गई किट को भी प्रदर्शित किया गया एवं इसके फायदे बताए गए। इस अवसर पर मछलीपालन विभाग के संयुक्त संचालक एन.डी. त्रिपाठी, सहायक संचालक धमतरी सुश्री बीना गढ़पाले, सहायक संचालक कांकेर एसकेसाहू एवं बालोद जिले से शरद वर्मा मौजूद थे।