शासकीय को निजी बताकर बेची गई भूमि पर बना हॉटल प्रशासन ने तुड़वाया
शासकीय जमीन को निजी स्वामित्व की बताकर बिक्री करने के मामले में पीड़ित पक्ष ने अपने आर्थिक नुकसान की भरपाई और दोषियों पर कठोर कार्रवाई के लिए न्याय की गुहार लगाई है;
कोरबा। शासकीय जमीन को निजी स्वामित्व की बताकर बिक्री करने के मामले में पीड़ित पक्ष ने अपने आर्थिक नुकसान की भरपाई और दोषियों पर कठोर कार्रवाई के लिए न्याय की गुहार लगाई है। एक साल से भी अधिक समय से पीड़ित पक्ष को कार्रवाई और न्याय का इंतजार है।
इस संबंध में बांकीमोंगरा बस्ती क्रमांक-2 के पास की रहने वाली श्रीमती हेमलता जायसवाल पति लवकुश जायसवाल ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत की है। पीड़िता हेमलता ने बताया है कि ग्राम पंचायत रजकम्मा के कमल दुबे पिता स्व. रामखिलावन दुबे ने 25 मई 2014 को ग्राम कांजीपानी में स्थित खसरा नंबर-542 की जमीन को अपने स्वामित्व की होना बताया था।
लगभग डेढ़ एकड़ भूमि 3 लाख रूपए में विक्रय किया और इकरारनामा में चौहद्दी भी दर्शायी। भूमि का सौदा में ग्राम कुटेलामुड़ा के महेत्तर दास, चैतमा के कल्याण दास मध्यस्थ थे। जमीन खरीदने के बाद हेमलता और उसके पति लवकुश ने चार लाख रूपए खर्च कर होटल का निर्माण कराया एवं बोर भी लगवाया। इसके पश्चात् उक्त भूमि को शासकीय बताकर बेजा कब्जा हटाने की नोटिस पाली तहसीलदार द्वारा दी गई तब वास्तविकता का पता चला।
हेमलता ने कमल दुबे, महेत्तर व कल्याण दास से मिलकर शिकायत की तब तहसीलदार की कार्रवाई को गलत बताते हुए नुकसान होने पर कुल 7 लाख रूपए देना स्वीकार किया। 1 मई 2016 को पाली तहसीलदार के निर्देश पर होटल को जेसीबी से ध्वस्त करा दिया गया। इसके बाद हेमलता अपने 7 लाख के नुकसान की भरपाई के लिए कमल दुबे के आगे-पीछे घूमती रही और अंतत: रूपए वापस करने से इंकार कर दिया गया।
हेमलता ने बताया कि 7 दिसंबर 2016 को उसने एसपी कार्यालय में शिकायत की थी, जिस पर पाली थाना व कटघोरा एसडीओपी द्वारा तलब कर दोनों पक्षों से जानकारी ली गई लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। कमल दुबे व उसके लोगों से मिल रही धमकी एवं 7 लाख का नुकसान से परेशान हेमलता ने घटना की निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्रवाई एवं रूपए दिलाने की गुहार लगाई है।