मप्र के चुनावी घोषणा-पत्र में बच्चों की भी बात होगी
मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हर राजनीतिक दल अपना चुनावी घोषणा-पत्र बनाने की तैयारी में लगा हुआ है;
भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हर राजनीतिक दल अपना चुनावी घोषणा-पत्र बनाने की तैयारी में लगा हुआ है। इस घोषणा-पत्र में बच्चों के मुद्दों को कैसे स्थान दिलाया जाए, इसको लेकर बुधवार को राजधानी में बाल अधिकार संगठन ने एक राजनीतिक दलों के संवाद का आयोजन किया। इसमें पहुंचे सभी दलों के प्रतिनिधियों ने बच्चों के मुद्दों को स्थान देने पर सहमति जताई।
बाल अधिकार संगठन द्वारा आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और समाजवादी पार्टी सहित अन्य दलों के प्रतिनिधि पहुंचे और सबने एक स्वर में बच्चों के मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही इस पर अपनी सहमति भी जताई।
बाल अधिकार संगठन की प्रमुख और पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच ने कहा कि इस बार हमें बच्चों के लिए वोट करना चाहिए। बच्चों, देखभाल, बाल विवाह, स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता जैसे मुद्दों को चुनावी घोषणा पत्र में जगह दी जानी चाहिए।
राज्य के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोषी ने कहा कि वह इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया का हिस्सा बनकर खुश हैं जिसमें बच्चों के मुद्दों को आगे लाया जा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य को साझा किया।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में जो भी सुझाव आए हैं, वह उसे पार्टी के घोषणापत्र में शामिल कराने की पहल करेंगे।
शिक्षा विशेषज्ञ एफ ए जामी, यूनिसेफ की स्वास्थ्य विषेषज्ञ डा. वंदना भाटिया ने स्कूली शिक्षा और नवजात शिशु की देखभाल और बाल विवाह पर विस्तार से चर्चा की। इन दोनों ने इन क्षेत्रों में प्रगति और चुनौतियों को साझा किया और घोषणापत्र का क्या हिस्सा हो सकता है इस पर राय रखी।
यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी, कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री राजा पटेरिया, कांग्रेस के पीसी शर्मा, संगीता शर्मा, भाजपा के अनिल सौमित्र, गीत धीर, माकपा से बादल सरोज, सीपीआई से शैलेंद्र शैली, समाजवादी रघु ठाकुर व आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि मौजूद थे ।