कल हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन में आई दरार, दो संगठनों ने खुद को किया अलग
किसान आंदोलन में दरार आनी शुरु हो गई है;
नई दिल्ली। कल गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद अब लगातार कार्रवाई जारी है। दिल्ली पुलिस लगातार किसानों के ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा की जांच कर रही है और कानूनी कार्रवाई कर रही है। अमित शाह से लेकर पर्यटन मंत्री सभी इस मामले में संज्ञान लिए हुए हैं और लगातार उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। किसान नेता राकेश टिकैत के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। इस बीच आपको बता दें कि किसान आंदोलन में दरार आनी शुरु हो गई है।।
जी हां पहले किसान नेता और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने ऐलान किया कि वह इस आंदोलन से अलग हो रहे हैं। उन्होंने कहा "ऐसे नहीं चलेगा आंदोलन, हम लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं। हम यहां आंदोलन करने आए हैं न कि किसी प्रकार की हिंसा करने। कल जो हुआ वो सही नहीं था। हमारा संगठन इस आंदोलन से अलग हो रहा है।" वीएम सिंह ने कहा कि "गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में जो हुआ इन सब में सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी? जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी तब सरकार कहां थी? "
उन्होंने आगे कहा "हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ कृषि कानूनों के विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते जिसकी दिशा कुछ और हो। जिन्हें किस दिशा में जाना है यही नहीं पता, हम उनके साथ आंदोलन नहीं कर सकते। इसलिए, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं. उन्होंने कहा कि मैं और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति इस विरोध को तुरंत वापस ले रही है।"
वीएम सिंह के साथ -साथ भारतीय किसान यूनियन (भानु) भी किसान आंदोलन से अलग हो गया। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि मैं कल की घटना से इतना दुखी हूं कि इस समय मैं चिल्ला बॉर्डर से घोषणा करता हूं कि पिछले 58 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भानु) का जो धरना चल रहा था उसे खत्म करता हूं।
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस इस पूरे मामले पर कार्रवाई कर रही है और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच करेगी।