मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी भाजपा नेताओं पर से मुकदमे हटाने के योगी सरकार के प्रयासों की भाकपा (माले) ने निंदा की

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी भाजपा नेताओं पर से मुकदमे हटाने के योगी सरकार के प्रयासों की कड़ी निंदा की है।;

Update: 2018-01-21 17:39 GMT

लखनऊ।  भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी भाजपा नेताओं पर से मुकदमे हटाने के योगी सरकार के प्रयासों की कड़ी निंदा की है।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने रविवार को कहा कि योगी सरकार अपराधियों को बचा रही है। यह कानून का मनमाना इस्तेमाल कर ऐसा जंगल राज कायम करने की कोशिश है, जहां ताकतवर का अपराध अपराध नहीं होता। मुजफ्फरनगर दंगा कोई छोटा-मोटा दंगा या घटना नहीं थी। उसमें दर्जनों इंसान मारे गये थे और हजारों बेघर हुए थे। दंगा भड़काने और उसे लंबे समय तक जारी रखने में भाजपा के सांसदों, विधायकों और मंत्रियों की संलिप्तता दिन के उजाले की तरह साफ थी। ऐसे में राज्य की यह जवाबदेही बनती है कि वह अभियुक्तों का न्यायिक परीक्षण करा कर सजा दिलाने में मदद करे, न कि खुद ही अपराध मुक्त करने की कोशिश करे। यह उन मृतकों और पीड़ितों के प्रति सबसे बड़ा अन्याय होगा। इस सिलसिले में मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन को पत्र जारी करने वाले राज्य सरकार के ‘न्याय विभाग’ को अन्याय विभाग कहना ज्यादा उचित होगा।

माले नेता ने कहा कि योगी सरकार अपनी तमाम कार्रवाइयां और फैसले अल्पसंख्यकों को निशाने पर लेकर कर रही है। मुजफ्फरनगर दंगे के अभियुक्त भाजपा नेताओं पर से मुकदमे हटाने की उसकी ताजा कोशिश भी इसी को लक्षित है, क्योंकि दंगे के पीड़ित अल्पसंख्यक थे। यह योगी सरकार की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश है, जिसका भाकपा (माले) विरोध करेगी। 

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