अदालत को लागू नहीं किए जा सकने वाले आदेश नहीं देने चाहिए : अमित शाह

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को लोगों के धार्मिक विश्वास पर आघात पहुंचाने और लागू नहीं हो सकने वाले फैसले नहीं देने चाहिए;

Update: 2018-10-27 21:43 GMT

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को लोगों के धार्मिक विश्वास पर आघात पहुंचाने और लागू नहीं हो सकने वाले फैसले नहीं देने चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार को भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं को निशाना बनाने के परिणामों का सामना करने के लिए भी तैयार रहने की चेतावनी दी।

शीर्ष अदालत के फैसले को लागू कराने के नाम पर भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं, भाजपा, आरएसएस और नायर सेवा समाज (एनएसएस) के कार्यकर्ताओं के साथ कथित अत्याचार के लिए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि जल्लीकट्टू, मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के प्रयोग को प्रतिबंधित करना, गणेश चतुर्थी के दौरान महाराष्ट्र में दही हांडी समारोहों और अन्य पर रोक लगाने जैसे कई फैसले धरातल पर लागू नहीं किए जा सकते।

शाह केरल के कन्नूर में एक जनसभा में बोल रहे थे।

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की आड़ में भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं पर अत्याचार करने के लिए केरल के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि मार्क्‍सवादी सरकार हिंदू मंदिरों और उनकी परंपराओं पर हमला कर रही है।

केरल पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के उल्लंघन के लिए दो हजार लोगों के खिलाफ 258 मामले दर्ज किए हैं और राज्य में 1,400 लोगों को गिरफ्तार किया है। 

उन्होंने चेतावनी दी, "अगर राज्य सरकार भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं पर हमले नहीं रोकती है तो उसे लोगों के गुस्से का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसका समर्थन भाजपा, आरएसएस, एनएसएस और अन्य संगठन करेंगे।"

उन्होंने कहा कि भगवान अयप्पा सबरीमाला मंदिर में मासिक धर्म वाली महिलाओं को प्रवेश से रोकने वाली महिलाएं ही हैं।

शाह ने कहा, "आंदोलन की अग्रिम पंक्ति में खड़ी होने वाली महिलाएं ही हैं, जो कह रही हैं कि सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को नहीं जाना चाहिए।"

उन्होंने देश के कई मंदिरों का नाम लिया जहां केवल महिलाओं को प्रवेश दिया जाता है।

सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की परंपरा का बचाव करते हुए शाह ने कहा कि हिंदुओं ने अपनी परंपराओं में सुधार किया है, जैसे विधवा की दोबारा शादी और बाल विवाह पर लगाम लगाना आदि।

उन्होंने कहा कि हिंदुओं ने महिलाओं को कभी कम नहीं आंका और उनका माता व देवी के रूप में सम्मान किया है।

बाढ़ से प्रभावित लोगों के राहत व पुनर्वास के लिए पर्याप्त काम नहीं करने को लेकर विजयन की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के लिए आईआईटी की स्थापना और सुपर स्पेशयालिटी अस्पताल समेत कई परियोजनाओं को मंजूरी दी लेकिन राज्य सरकार इन परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण करने में विफल रही। 

विजयन की विफलता पर उनके इस्तीफे की मांग करते हुए शाह ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने वालों पर अत्याचार करने के बजाए मुख्यमंत्री को राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

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