सैनिकों के साहस से देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित: राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सियाचिन क्षेत्र में तैनात सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए आज कहा कि उनके हित सर्वोपरि;
श्रीनगर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सियाचिन क्षेत्र में तैनात सैनिकों के साहस की सराहना करते हुए आज कहा कि उनके हित सर्वोपरि हैं।
पिछले लगभग 34 सालों में सियाचिन के कठिन मोर्चे पर तैनात आप जैसे बहादुर सैनिकों के वीरता-पूर्ण प्रदर्शन से देशवासियों को यह भरोसा मिला है कि आप सबके रहते हुए देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/dO6tPSPL2O
राष्ट्रपति ने लद्दाख क्षेत्र के सियाचिन ग्लेशियर में सैनिकों से बात करते हुए यह बात कही।
देश के लिए आप सब में समर्पण की जो भावना है उसे जितना भी सराहा जाये, वह कम है। मातृ-भूमि की रक्षा के लिए आप की निष्ठा सभी देशवासियों के लिए एक आदर्श है। मैं, आपके इस मनोबल में पूरे देश का मनोबल जोड़ने आया हूं, आपका हौसला बढ़ाने आया हूं — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/Zd8l08dQmA
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल कालिया ने बताया कि राष्ट्रपति ने सियाचिन पहुंचने के बाद ग्लेशियर का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर की अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत भी की।
आप सबका जब भी दिल्ली आना हो, तो राष्ट्रपति भवन को देखने जरूर आएं। आप सबका राष्ट्रपति भवन में स्वागत है — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/hLGfLM0liA
कर्नल कालिया ने बताया कि राष्ट्रपति ने सियाचिन आधार शिविर में सियाचिन युद्ध स्मारक पर पुष्प अर्पित किये और मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी जान गंवाने वाले बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्र के गौरव का प्रतीक हमारा तिरंगा इस ऊंचाई पर पूरी शान के साथ सदैव लहराता रहे, इसके लिए आप सब बेहद कठिन चुनौतियों का सामना करते रहते हैं। अनेक सैनिकों ने यहां सर्वोच्च बलिदान भी दिया है। मैं ऐसे सभी बहादुर ‘सियाचिन वॉरियर्स’ को नमन करता हूँ — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/1bCfkjUlUs
उन्होंने इसके बाद सियाचिन आधार शिविर में तैनात जवानों की बहादुरी की प्रशंसा की और कठिन जलवायु स्थिति में तैनात जवानों को आश्वस्त किया कि पूरे देश के लोगों के दिलों में उनका हित सर्वोपरि है।
देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सभी सैन्य कर्मियों और अधिकारियों के लिए हर भारतवासी के दिल में विशेष सम्मान है और आपकी वीरता के प्रति गर्व का भाव भी। भारत की कोटि-कोटि जनता की यह भावना मैं आप सब तक पहुंचाना चाहता था। आज आप सबसे मिलकर मुझे बेहद खुशी हो रही है—राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/ilHVlC4avS
अप्रैल 1984 में ‘ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत भारतीय सेना ने सियाचिन में प्रवेश किया था। तब से लेकर आज तक, आप जैसे वीर जवानों ने मातृ-भूमि के सबसे ऊंचे इस भू-भाग पर शत्रु के क़दम नहीं पड़ने दिए हैं — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/Jp4gn3Cest
कोविंद पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम के बाद सियाचिन क्षेत्र का दौरान करने वाले दूसरे राष्ट्रपति हैं। कलाम ने अप्रैल 2004 में यहां का दौरा किया था। वह देश के पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती वाले सियाचिन ग्लेशियर का दौरा किया था।
कोविंद के साथ सेना प्रमख जनरल बिपिन राव और उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टीनेंट जनरल देवराज अन्बू भी थे।