कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने की खूब को वाहवाही
नगर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कन्हैयालाल डडसेना जी की स्मृति में गत दिनों शानदार कवि सम्मेलन का आयोजन किया;
पिथौरा। नगर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कन्हैयालाल डडसेना जी की स्मृति में गत दिनों शानदार कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। शिवा आई टी आई कॉलेज टेका के तत्वावधान में एवं श्रंखला साहित्य मंच पिथैरा के सहयोग से आयोजित इस कवि सम्मेलन में रायपुर, महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा , एवं बसना के कवियों ने भाग लिया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्य प्रेमी एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष गौतम प्रधान कर रहे थे । इस सम्मेलन में रायपुर से पधारे सुपरिचित कवि स्वराज्य करुण ने नितांत नए प्रतीकों के साथ अपनी चुनिंदा रचनाएं सुनाईं जिन्हें श्रोताओं की खूब वाहवाही मिली । सिमटते पर्यावरण पर चिंता जताई।
अभनपुर के कवि ललित शर्मा जो कि पुरातत्व विद् भी हैं उन्होंने ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों के गुमनाम शिल्प कारों को समर्पित करते हुए एक बहुत ही विचारणीय कविता सुनाई । कवि सम्मेलन का शानदार संचालन कर रहे पिथौरा के सुपरिचित कवि प्रवीण 'प्रवाह ने संचालन के दौरान एवं अपनी बारी में अपने चुनिंदा शेर और कविताएं पढ़कर खूब वाहवाही हासिल की । महासमुंद से पधारे छत्तीस गढ़ी हस्ताक्षर बंधु राजेश्वर खरे ने अपनी गुरतुर आवाज में श्रोताओं को छत्तीसगढ़ी गीतों की ऊंचाई से अवगत कराया ।
श्रोताओं की तालियों एवं वाहवाही के साथ अमिट छाप छोड़ने वाली उनकी ये पंक्तियां पढ़ी। नजाकत और खूबसूरती दिखी बागबाहरा के शायर हबीब समर की गजल में उनकी दिलकश आवाज से निकली इन पंक्तियों ने खूब वाहवाही बटोरी। बसना से पधारे कवि बद्री प्रसाद पुरोहित ने नई कविता की शैली मे एक शानदार रचना सुनाकर अपनी छाप छोड़ी । श्रृंखला साहित्य मंच के सशक्त हस्ताक्षर शिवा महन्ती ने अपनी चुटीली और धारदार रचनाओं से व्यवस्था पर चोट की । श्रृंखला के वरिष्ठ कवि एसकेडी डडसेना ने आधुनिक दोहे सुना कर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया उनकी इन पंक्तियों ने खूब तालियां बटोरी।
वरिष्ठ कवि अनूप दीक्षित ने मजदूरों की मेहनत भरी जिंदगी पर रचनाएं सुनाकर सम्मेलन को एक नया रंग प्रदान किया । कवि बंटी छत्तीसगढ़िया ने छत्तीसगढ़ी भाषा में अपनी श्रेष्ठ कविताएं सुनाकर श्रोताओं उसे खूब तालियां बटोरी। महासमुंद से पधारे कवि देव नारायण साहू 'सुहाना ने बहुत ही उत्कृष्ट रचनाएं सुनाई । उनके छत्तीसगढ़ी गीतों का श्रोताओं ने खूब आनंद लिया। श्रृंखला के पत्रकार कवि संतोष गुप्ता ने छोटी-छोटी कविताएं पढ़ कर श्रोताओं की सराहना और वाहवाही प्राप्त की। श्रृंखला के युवा हस्ताक्षर कभी निर्वेश दीक्षित ने अपनी ओजस्वी कविताओं से श्रोताओं का दिल जीत लिया। उनकी इन पंक्तियों ने खूब वाहवाही हासिल की।
व्यंग कवि एस के नीरज ने अपनी रचनाओं से सामाजिक विधाओं की ओर इशारा किया। पिथौरा की कवियत्री जितेश्वरी साहू ने अपनी कोमल भावनाओं की कविताओं से श्रोताओं के दिलों में नारीत्व के प्रति सम्मान का भाव जागृत किया। युवा हस्ताक्षर संजय गोयल ने क्षणिकाएं सुना कर वाहवाही बटोरी। इनके अलावा कवि माधव तिवारी ने भी अपनी कविताएं पढ़ी । सम्मेलन के अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए श्री गौतम प्रधान ने समस्त कवियों को बधाई दी और कहा कि पिथौरा साहित्य की नगरी है । यहाँ जिस प्रकार के उत्कृष्ठ साहित्यिक कार्यक्रम हमेशा होते रहते हैं उस तरह आस पास के अन्य स्थानों पर बहुत कम देखने में आता है।
आभार प्रदर्शन आई टी आई तकनीकी निदेशक श्री ललित किशोर शर्मा ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने में सर्वश्री लीलाधर डडसेना, डॉ.?शशी डडसेना, योगेश्वर (गोलू) डडसेना सहित आई टी आई के समस्त स्टाफ एवं छात्र छात्राओं का सहयोग सराहनीय रहा । इस अवसर पर सांकरा से पधारे सर्वश्री सतपाल सिंह छाबड़ा, जवाहर नायक सहित पिथौरा के मनोहर साहू, नंदलाल एरन , स्वप्निल तिवारी, विवेक दीक्षित, सहित बडी संख्या में श्रोता गण उपस्थित थे ।