नीति आयोग जन विरोधी,तुरंत भंग करे सरकार: मजदूर संघ

नीति आयोग द्वारा सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण, विनिवेश एवं रणनीतिक बिक्री करने के सरकार को दिए गये;

Update: 2017-06-23 23:42 GMT

नई दिल्ली। नीति आयोग द्वारा सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण, विनिवेश एवं रणनीतिक बिक्री करने के सरकार को दिए गये प्रस्ताव के विरोध में भारतीय मजदूर संघ के आहवान पर महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) मजदूर संघ द्वारा कार्यकारी निदेशक (ईडी) कार्यालय, खुर्शीद लाल भवन पर विशाल विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में नीति आयोग को भंग कर इसके पुनर्गठन की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया गया। वक्ताओं ने नीति आयोग पर देश में नकारात्मक एवं दिशाहीन सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया।

भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीके साजीनारायण, राष्ट्रीय महामंत्री विरजेश उपाध्याय ने एमटीएनएल के कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आम आदमी की चिन्ता किसी को नहीं है। नीति आयोग के प्रस्ताव श्रमिक कानूनों के साथ-साथ श्रमिक सुधारों के माध्यम से भी त्रिपक्षीय परम्परा और औद्योगिक शान्ति को नष्ट कर रहे हैं। इसलिये सरकार से अपील है कि वह नीति आयोग द्वारा दिये गये श्रमिक विरोधी प्रस्तावों को न माने। जिसके कारण सरकार की भी छवि खराब हो रही है। सरकार नीति आयोग जैसे संस्थान के प्रभाव से हट कर निष्पक्षता के साथ मजदूरों को शोषण से मुक्त कराये।

इस अवसर पर एमटीएनएल मजदूर संघ के महामंत्री धर्मराज सिंह ने भी मांग की कि सरकार नीति आयोग को शीघ्र भंग कर इसका पुनर्गठन करें। ताकि एमटीएनएल, बीएसएनएल जैसे सर्विस सेक्टर को निजीकरण, विनिवेश से बचाया जा सके, साथ ही एमटीएनएल प्रबन्धन से भी अपील की कि वे जेएनसी एवं यूएलसी में यूनियन के साथ हुये समझौते को पूरी ईमानदारी से लागू करे।

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